नयी दिल्ली : केंद्र सरकार ने तीन तलाक से संबंधित विधेयक का मसौदा तैयार कर लिया है. सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार, विधेयक के मसौदे में इस बात उल्लेख है कि तीन तलाक देने वाले के लिए तीन साल की जेल का प्रावधान किया जायेगा और गैर जमानती धाराओं का उपयोग किया जायेगा. केंद्र ने विधेयक के ड्राफ्ट को राज्यों के पास भेजा है और उनसे इस संबंध में उनका पक्ष पूछा है. राज्यों की राय जानने के बाद विधि मंत्रालय इस विधेयक को केंद्रीय कैबिनेट के समक्ष रखेगा. यह विधेयक 15 दिसंबर से शुरू होने जा रहे संसद के शीत सत्र में सदन में रखे जाने की संभावना है.
ध्यान रहे कि अगस्त में सुप्रीम कोर्ट ने तीन तलाक को अवैधानिक करार देते हुए इस पर रोक लगा दिया था और इस संबंध में केंद्र से कानून बनाने को कहा था.
सरकारी सूत्रों के अनुसार, विधेयक को मुस्लिम महिला निकाह संरक्षण अधिकार विधेयक नाम दिया गया है. मुसलिम महिलाएं लंबे समय से तीन तलाक प्रथा का विरोध करती रही हैं. सूत्रों ने कहा है कि प्रस्तावित कानून तुरंत तीन तलाक यानी तलाक-ए-बिद्दत पर लागू होगा. सूत्रों के अनुसार, इसमें पीड़िता को अपने नाबालिग बच्चों के लिए गुजारा भत्ते के वास्ते मजिस्ट्रेट के समक्ष अपील करने का अधिकार दिया जायेगा.
इस विधेयक के प्रावधानों के अनुरूप महिला अपने नाबालिग बच्चों के संरक्षण के लिए भी आवेदन कर पायेंगी और इस मुद्दे पर अंतिम निर्णय मजिस्ट्रेट ही करेगा. इस विधेयक के कानून का रूप लेने के बाद बोलकर, लिखकर, इ-मेल अथवा एसएमएस व किसी अन्य इलेक्ट्रानिक माध्यमों के जरिये तीन तलाक कहना अवैध होगा.