अयोध्या विवाद : SC में सिब्बल की दलील पर शाह का वार, कहा, अपना रुख साफ करे कांग्रेस
अहमदाबाद : भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कांग्रेस से कहा कि वह राम जन्मभूमि मुद्दे पर अपना रुख साफ करे. शाह ने यह टिप्पणी तब की जब कांग्रेस नेता और सुप्रीम कोर्ट के वकील कपिल सिब्बल ने अदालत से मांग की कि 2019 के लोकसभा चुनाव संपन्न होने तक इस विवाद पर सुनवाई टाल दी […]
अहमदाबाद : भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कांग्रेस से कहा कि वह राम जन्मभूमि मुद्दे पर अपना रुख साफ करे. शाह ने यह टिप्पणी तब की जब कांग्रेस नेता और सुप्रीम कोर्ट के वकील कपिल सिब्बल ने अदालत से मांग की कि 2019 के लोकसभा चुनाव संपन्न होने तक इस विवाद पर सुनवाई टाल दी जाए.
शाह ने कांग्रेस पर दोहरा रवैया अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि एक तरफ पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी गुजरात में मंदिरों का चुनावी दौरा कर रहे हैं जबकि दूसरी तरफ उनकी पार्टी राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद पर सुनवाई को टालना चाह रही है.
भाजपा अध्यक्ष ने यहां पत्रकारों को बताया कि पूरा देश चाहता है कि इस मामले की सुनवाई जल्द हो, लेकिन आज जब मामला सुप्रीम कोर्ट में आया तो सुन्नी वक्फ बोर्ड के वकील सिब्बल ने इसकी सुनवाई 2019 के आम चुनाव संपन्न होने तक टालने की मांग की.
शाह ने कहा कि राहुल को इस मुद्दे पर कांग्रेस का रख साफ करना चाहिए. उन्होंने कहा कि पार्टी को बताना चाहिए कि क्या वह सिब्बल के नजरिये से सहमत हैं. उन्होंने कहा, कपिल सिब्बल ने अयोध्या में राम मंदिर बनाने का पुरजोर विरोध किया. अपने मुस्लिम याचिकाकर्ताओं की दलीलों के साथ तैयार होकर आए सिब्बल मंदिर निर्माण रोकने पर लगे हुए थे. जब उच्चतम न्यायालय ने उनकी दलीलें नकार दीं तो उन्होंने अदालत से बाहर जाने की भी कोशिश की.
शाह ने कहा, मैं राहुल गांधी से अपील करता हूं कि वह राम जन्मभूमि के मुद्दे पर कांग्रेस का रुख साफ करें. मैं कांग्रेस से भी पूछना चाहता हूं कि क्या वह कपिल सिब्बल के नजरिये से सहमत है और क्या उनका नजरिया पार्टी का आधिकारिक रुख है. उन्होंने कहा कि भाजपा सहित पूरा देश चाहता है कि इस मामले की सुनवाई और उस पर फैसला जल्द से जल्द हो.
सुप्रीम कोर्ट में सुन्नी वक्फ बोर्ड की तरफ से पैरवी करते हुए सिब्बल ने कहा कि चूंकि अदालत के फैसले के बेहद गंभीर परिणाम होंगे, लिहाजा इस मामले की सुनवाई जुलाई 2019 तक टाल दी जाए, क्योंकि तब तक आम चुनाव संपन्न हो जाएंगे.
सिब्बल ने अदालत को बताया, कृपया मामले की सुनवाई जुलाई 2019 में तय करें और हम आश्वासन देते हैं कि हम कोई स्थगन नहीं मांगेंगे…..न्याय सिर्फ किया ही नहीं जाना चाहिए, बल्कि यह भी दिखना भी चाहिए कि न्याय किया गया. प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली विशेष पीठ ने भी प्रथम दृष्टया सिब्बल और राजीव धवन सहित कई वकीलों की इस मांग को खारिज कर दिया कि इलाहाबाद हाई कोर्ट के खिलाफ दायर अपीलें मामले की संवेदनशील प्रकृति को देखते हुए पांच या सात जजों वाली पीठ को भेज दी जाएं. सुप्रीम कोर्ट इस मामले की अगली सुनवाई अगले साल 8 फरवरी को करेगा.
सिब्बल पर निशाना साधते हुए भाजपा अध्यक्ष ने कहा, जब भी कांग्रेस कुछ अलग कहना चाहती है तो वह कपिल सिब्बल को आगे कर देती है. उन्होंने ही 2जी स्पेक्ट्रम मामले में कहा था कि जीरो लॉस (शून्य क्षति) हुआ है.