धंधुका/अहमदाबाद/दादोह : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद तक राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद मामले की सुनवाई टालने की मांग करने के लिए बुधवार को वरिष्ठ कांग्रेस नेता एवं वकील कपिल सिब्बल पर निशाना साधा और पूछा कि क्या इस तरह के मुद्दे को राजनीतिक लाभ-हानि के लिए अनिर्णीत रखा जाना चाहिए. मोदी ने गुजरात में चुनाव प्रचार के दौरान कहा कि उनकी सरकार ने उत्तर प्रदेश विधानसभा में संभावित नुकसान का खतरा मोल लेते हुए उच्चतम न्यायालय में तीन तलाक का विरोध करने का फैसला किया था. उन्होंने साथ ही देश में एक साथ लोकसभा एवं विधानसभा चुनाव कराने की भी मांग की. वहीं, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने राम मंदिर मुद्दे को लेकर कांग्रेस पर हमला तेज करते हुए विपक्षी पार्टी पर शर्मनाक रुख अपनाने का आरोप लगाया. शाह ने ट्वीट किया, अब सुन्नी वक्फ बोर्ड ने कहा है कि वे उस बात से सहमत नहीं हैं जो अदालत में कपिल सिब्बल ने कही है.
धंधुका में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, मंगलवार को सिब्बल ने मुस्लिम समुदाय के मुद्दे की वकालत की. उन्हें ऐसा करने का हक है और हमें इससे कोई दिक्कत नहीं है. आप बाबरी मस्जिद को बचाने के लिए सभी तथ्यों एवं कानूनों का हवाला देते हुए अपनी दलील पेश कर सकते हैं. उन्होंने कहा, लेकिन आप यह नहीं कहें कि मामले में 2019 के चुनाव तक सुनवाई नहीं होनी चाहिए. आप चुनाव के नाम पर राम मंदिर (मुद्दा) की सुनवाई रोकना चाहते हैं. मोदी ने कहा कि वह अब समझते हैं कि कांग्रेस ने क्यों कई मुद्दों को उलझाये रखा. उन्होंने इसे लेकर विस्तार में कुछ नहीं कहा, लेकिन इसके पीछे राजनीतिक लाभ हासिल करने को कारण बताया.
उन्होंने कांग्रेस से पूछा, क्या वक्फ बोर्ड चुनाव लड़ता है? क्या चुनाव के लिए सुनवाई टालने के विचार वक्फ बोर्ड के हैं? देश में कांग्रेस पार्टी चुनाव लड़ रही है. आप चुनाव में राजनीतिक लाभ-हानि के लिए मामले को उलझाये रखना चाहते हैं? हालांकि, प्रधानमंत्री ने कहा कि कांग्रेस का कहना है कि उच्चतम न्यायालय में मामले में एक पक्ष की पैरवी कर रहे सिब्बल के विचार उनके खुद के हैं. उन्होंने कहा कि देश में हर छह महीने में कहीं ना कहीं चुनाव होता है. मोदी ने कहा, हर चीज को राजनीतिक नफा-नुकसान के नजरिये से देखने के रुख से देश का सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है. उन्होंने कहा कि इसी कारण वह एक साथ लोकसभा और विधानसभा चुनाव कराने की वकालत करते हैं, क्योंकि इससे चुनाव में होने वाला खर्च भी कम हो जायेगा.
गौरतलब है कि सिब्बल ने मंगलवारको उच्चतम न्यायालय में कहा था कि चूंकि मामले में फैसले का गंभीर असर होगा, इसलिए सुनवाई जुलाई, 2019 तक के लिए टाल दी जाये, तब तक आम चुनाव हो जायेंगे. हालांकि, उच्चतम न्यायालय ने यह दलील स्वीकार नहीं की और मामले में सुनवाई अगले साल आठ फरवरी को तय कर दी.
प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान भी ऐसी ही स्थिति का सामना किया था जब उनकी सरकार को उच्चतम न्यायालय में तीन तलाक के विवादित मुद्दे पर अपना रुख साफ करना था. उन्होंने कहा, हर कोई यह कह रहा था कि अगर हमने इसके खिलाफ रुख अपनाया तो हमें उत्तर प्रदेश चुनाव में नुकसान का सामना करना पड़ेगा, लेकिन हमने रुख अपनाया और उच्चतम न्यायालय ने हमसे छह महीने के भीतर कानून बनाने को कहा. मोदी ने कहा कि हमारी संसद एक बार में तीन तलाक की विवादित प्रथा को प्रतिबंधित करने के लिए कानून पारित करेगी जिससे हमारी मांओं एवं बहनों की जिंदगी तबाह करनेवालों के लिए जेल की सजा का प्रावधान होगा. उन्होंने कहा, क्या फैसलों को चुनावी लाभ-हानि का मोहताज बनाया जा सकता है या फिर पूरे देश के फायदे के लिए ये फैसले लिए जायें.
वहीं, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने एक ट्वीट कर राम मंदिर मुद्दे पर कांग्रेस पर हमला तेज करते हुए इसे शर्मनाक बताया. शाह नेकहा, सुन्नी वक्फ बोर्ड भी उस बात से सहमत नहीं है जो अदालत में कपिल सिब्बल ने कही है. निश्चित है कि सिब्बल ने कांग्रेस नेता के नाते अपनी बात रखी और उन्हें अपने आला कमान का आशीर्वाद है. राम मंदिर के मुद्दे पर कांग्रेस का शर्मनाक रुख. खबरों के अनुसार सुन्नी वक्फ बोर्ड ने कहा है कि वह सिब्बल के विचारों से सहमत नहीं है.
राहुल गांधी के मंदिर दर्शन पर तंज करते हुए मोदी ने कहा कि मंदिर जाने से गुजरात में बिजली नहीं आयी. उन्होंने बाबा साहेब अांबेडकर की पुण्यतिथि के मौके पर उन्हें याद किया. इसके बाद मोदी ने कांग्रेस (गांधी परिवार) पर वार करते हुए कहा कि एक परिवार के लिए अांबेडकर और सरदार पटेल के साथ नाइंसाफी हुई. कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के सॉफ्ट हिंदुत्व फैक्टर पर हमला करते हुए मोदी ने कहा, मंदिर-मंदिर जाने से गुजरात में बिजली नहीं आयी. मैं इतने सालों से माला नहीं जप रहा था, बल्कि काम कर रहा था.