नयी दिल्ली :राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली सहित उत्तर भारत के कई हिस्से में बुधवार रात मध्यम तीव्रता के भूकंप के झटके महसूस किये गये. भारतीय मौसम विभाग के मुताबिक, रिक्टर पैमाने पर 5.5 तीव्रता के इस भूकंप का केंद्र उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग में था.
विभाग के राष्ट्रीय भूकंप-विज्ञान केंद्र के मुताबिक, भूकंप रात करीब 8:49 बजे आया. जानमाल की क्षति की फिलहाल कोई सूचना नहीं है. हिमालयी क्षेत्र का हिस्सा उत्तराखंड हाई सिस्मिक जोन में आता है यानी यहां बड़े भूकंप आने की आशंका बनी रहती है.
उत्तराखंड के ज्यादातर हिस्सों में भूकंप के तेज झटके महसूस किये गये जिससे घबराकर लोग घरों से बाहर खुले स्थानों की ओर भागे. हालांकि, प्रदेश में कहीं से किसी नुकसान की फिलहाल खबर नहीं है. प्रदेश के पुलिस महानिदेशक अनिल रतूडी ने बताया कि अभी तक कहीं से जान-माल के किसी नुकसान की खबर नहीं मिली है.
वर्ष 1991 में उत्तरकाशी और वर्ष 1999 में चमोली में आये विनाशकारी भूकंप की तबाही झेल चुके लोग इन तेज झटकों से एक बार फिर दहशतजदा हो गये और बाहर की ओर भागने लगे. राजधानी देहरादून में भी भूकंप से दहशत में आये लोग घरों से बाहर निकल आये. रुद्रप्रयाग से सटे पर्वतीय चमोली जिले के गैरसैंण में कल से शुरू हो रहे विधानसभा सत्र के लिए वहां मौजूद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को भी भूकंप के झटके महसूस हुए. उन्होंने बताया कि उनके मेज पर पड़ा पानी का गिलास तेजी से हिलने लगा.
गैरसैंण के निकट गौचर में रात्रि विश्राम के लिये रुके पुलिस महानिदेशक रतूडी ने बताया कि भूकंप के झटके इतने तीव्र थे कि वह खुद कमरे से बाहर निकल कर सुरक्षित स्थान पर आ गये. भूकंप का केंद्र माने जा रहे रुद्रप्रयाग जिले के जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने बताया कि झटके तेज होने की वजह से लोग घबराहट के मारे बाहर निकल आये. हालांकि, उन्होंने कहा कि जिले में सब सुरक्षित है. उन्होंने कहा कि हर स्थान से जानकारी ले ली गयी है और कहीं से किसी नुकसान की खबर नहीं है.