जिंदा बच्चे को मृत घोषित करने वाले मैक्स हॉस्पिटल का लाइसेंस रद्द, केजरीवाल सरकार का बड़ा कदम

नयी दिल्ली : जिंदा बच्चे को मृत घोषित करने के मामले में अरविंद केजरीवाल सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए शालीमार बाग स्थित मैक्स हॉस्पिटल का लाइसेंस रद्द कर दिया है. इस संबंध में दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि हॉस्पिटल द्वारा नवजात को मृत बताये जाने की घटना को एकदम स्वीकारा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 8, 2017 4:50 PM

नयी दिल्ली : जिंदा बच्चे को मृत घोषित करने के मामले में अरविंद केजरीवाल सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए शालीमार बाग स्थित मैक्स हॉस्पिटल का लाइसेंस रद्द कर दिया है. इस संबंध में दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि हॉस्पिटल द्वारा नवजात को मृत बताये जाने की घटना को एकदम स्वीकारा नहीं जा सकता है.

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गौरतलब है कि एक दिन पहले ही 22 हफ्ते के जिंदा नवजात को मृत बताकर माता-पिता को सौंपने के मामले में दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन मैक्स अस्पताल और डॉक्टरों के पक्ष में आकर खड़ा हो गया था. दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन ने बयान जारी करके कहा था कि ‘समय से पहले होने वाली ऐसे प्रसव के लिए कोई प्रोटोकॉल या दिशा-निर्देश नहीं है, लेकिन भारत का कानून 20 हफ्ते तक गर्भपात की इजाजत देता है और कुछ ज्यादा गंभीर मामलों में 24 हफ्ते में गर्भपात की इजाजत अदालत ने दी है यानी भारतीय कानून भी 24 हफ्ते तक के भ्रूण को ज़िंदा ना बचने लायक मानता है.’

सही मायने में दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन डॉक्टरों की संस्था इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की दिल्ली इकाई है. दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन ने कहा कि ‘समय से पहले होने वाली दिल्ली के एक अस्पताल में प्रसव के हाल के विवाद में हम कहना चाहते हैं कि 24 हफ्ते से कम के भ्रूण के बचने की उम्मीद नहीं होती. कई बार हाइपोथर्मिया के चलते दिल की धड़कन नहीं पता चल पाती है या लौट आती है.

दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन ने कहा कि ऐसे कुछ गिने चुने मामले दुनिया में कई जगह सामने आये हैं, जिसमें जून का सफदरजंग का मामला भी शामिल है. दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन ने कहा कि वक्त आ गया है कि मीडिया, अफसर, नेता और समाज सॉफ्ट टारगेट ‘डॉक्टरों’ पर किसी भी अनचाही घटना के दोष मढ़ना बंद करें और डॉक्टरी पेशे को बदनाम ना करें.

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