पणजी : उरी हमले के बाद किये गये सर्जिकल स्ट्राइक की प्लानिंग के संबंध में पूर्व रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने बताया कि सेना और रक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मीटिंग में मोबाइल फोन स्विच ऑफ करवाकर 20 मीटर दूर रखवाये जाते थे, ताकि कोई बात लीक न हो. ये बातें गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर ने गोवा कला एवं साहित्य उत्सव में कही.
उन्होंने कहा कि जब आप किसी भी अलग व्यक्ति से बात करते हैं तो गोपनीयता नहीं बची रहती है. वाकई, सर्जिकल स्ट्राइक की योजना बनाते समय मोबाइल फोन स्विच ऑफ कर दिये गये थे. वे न केवल स्विच ऑफ कर दिये गये, बल्कि 20 मीटर दूर रखे गये थे ताकि कुछ लीक न हो.
मनोहर पर्रिकर ने कहा कि और मुझे बस यह कहने में बड़ा गर्व होता है कि मैंने उरी हमले (आतंकवादी हमले) और सर्जिकल स्ट्राइक के बीच करीब 18-19 बैंठकें की होंगी, जिनमें सेना के शीर्ष अधिकारी, रक्षा मंत्रालय के अधिकारी भी शामिल थे, लेकिन कुछ लीक नहीं हुआ. उन्होंने कहा कि हमने कुछ अधिकारियों को (दूसरे देशों की राजधानियों में) मौके के हिसाब से तत्काल (आयुधों) की खरीदारी करने का अधिकार के साथ भेजा था. जब आप कुछ करते हैं तो आपकी तैयारी यह सुनिश्चित करने के लिए पूर्ण हो ताकि हर चीज सही का ध्यान रखा जाए.
पूर्व रक्षामंत्री ने कहा कि लेकिन जब आप किसी को नहीं बताते हैं तो आपके अंदर दबाव बढ़ता है. सामान्यत: दबाव किसी दोस्त से चर्चा कर हल्का होता है लेकिन रक्षा में आप ऐसी स्थिति में नहीं होते हैं कि आप किसी मुद्दे पर किसी से बात करें, चाहे म्यामां का सर्जिकल स्ट्राइक हो या पीओके का. मैं दबाव के कारण करीब करीब सो नहीं पाया.
आपको बता दें कि पिछले साल 29 सितंबर तड़के आर्मी ने पीओके में घुसकर आतंकियों के लॉन्चिंग पैड्स खत्म कर दिये थे.