Jashn-E-Rekhta में जावेद अख्तर ने मनमोहन सिंह को बता डाला खुदा से बेहतर प्रशासक
दिल्ली की दिसंबर सर्दियों की गुनगुनी धूप में उर्दू के नामचीन लोगों की महफिल में मशहूर गीतकार और शायर जावेद अख्तर ने खुदा और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह में तुलना करते हुए हल्के फुल्के अंदाज में कहा कि अगर यकीं किया जाये तो सिंह खुदा से बेहतर प्रशासक हैं. दरअसल वाकया ऐसा हुआ कि उर्दू […]
दिल्ली की दिसंबर सर्दियों की गुनगुनी धूप में उर्दू के नामचीन लोगों की महफिल में मशहूर गीतकार और शायर जावेद अख्तर ने खुदा और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह में तुलना करते हुए हल्के फुल्के अंदाज में कहा कि अगर यकीं किया जाये तो सिंह खुदा से बेहतर प्रशासक हैं.
दरअसल वाकया ऐसा हुआ कि उर्दू के उत्सव जश्न-ए-रेख्ता के चौथे संस्करण में अख्तर कुछ इश्क किया कुछ काम किया सत्र में अतिका अहमद फारकी के साथ गुफ्तगू कर रहे थे.
इसी में मां के सर्वोपरि होने का जिक्र आया तो उन्होंने कहा कि दुनिया मां की बहुत इज्जत करती है, उसे खुदा भी मानती है लेकिन वह तो खुदा को ही नहीं मानते. और इज्जत सिर्फ मां की ही नहीं बल्कि हर महिला की होनी चाहिए.
फिर वह वहां मौजूद लोगों से रूबरू होते हुए बोले, बचपन में आप को दांत टूट जाने पर परीकथा सुनायी जाती थी. शहरों में यही काम सांताक्लॉज की कहानी सुना कर किया जाता था.
जब बड़े होकर आप समझ गये कि यह सब कहानियां हैं और आप इन्हें भूल गये तो खुदा की कहानी से अब तक क्यों चिपके हैं. उसे क्यों नहीं छोड़ देते. अख्तर ने हल्के फुल्के अंदाज में कहा, मैं नहीं मानता कि खुदा है और यदि है तो फिर बड़े शर्म की बात है कि उसके होते हुए दुनिया ऐसे चल रही है.
बुरा ना मानिये लेकिन हम कहते हैं कि मनमोहन सिंह के दौर में बड़े घोटाले हुए, ये हुआ, वो हुआ. लेकिन सोचिए, उनके गठबंधन के कुछ साथी भी थे, उनके अपने बॉस भी थे और उनकी कुछ मजबूरियां भी रहीं होंगी. लेकिन फिर भी उन्होंने सरकार चला ही ली…
और यहां आप तो खुदा हैं, फिर भी दुनिया ऐसे चल रही है तो यकीन मानिये… मनमोहन सिंह खुदा से बेहतर प्रशासक थे.