राजीव धवन ने छोड़ी वकालत, सुप्रीम कोर्ट के जज को खत लिख कहा – अपमानित महसूस किया
नयी दिल्ली : सीनियर वकील राजीव धवन ने सुप्रीम कोर्ट के फटकार के बाद प्रैक्टिस छोड़ने का एलान किया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस को पत्र लिखकर कहा कि सुनवाई के दौरान मैंने अपमानित महसूस किया. बता दें कि पिछले बृहस्पतिवार को सुप्रीम कोर्ट ने वरिष्ठ वकीलों के द्वारा कोर्ट मे ऊंची आवाज […]
By Prabhat Khabar Digital Desk |
December 11, 2017 3:42 PM
नयी दिल्ली : सीनियर वकील राजीव धवन ने सुप्रीम कोर्ट के फटकार के बाद प्रैक्टिस छोड़ने का एलान किया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस को पत्र लिखकर कहा कि सुनवाई के दौरान मैंने अपमानित महसूस किया. बता दें कि पिछले बृहस्पतिवार को सुप्रीम कोर्ट ने वरिष्ठ वकीलों के द्वारा कोर्ट मे ऊंची आवाज मे बहस करने पर नाराजगी जताई थी और कहा था कि ये बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. उसके एक दिन पहले दिल्ली और केंद्र के बीच मुकदमे की सुनवाई मे राजीव धवन की कुछ दलीलों के तरीके पर कोर्ट सहमत नहीं था. गौरतलब है कि सुनवाई राम मंदिर के मुद्दे को लेकर हो रही थी.वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल, राजीव धवन और दुष्यंत दवे सहित अनेक वरिष्ठ वकील मौजूद थे. ये वकील केस की सुनवाई जुलाई 2019 तक टालने का अनुरोध करते हुए ऊंची आवाज में दलीलें पेश कर रहे थे.
कोर्ट ने साफ कहा कि ऊंचे आवाज में बहस करने को किसी भी शर्त पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने कोर्ट के अन्दर वकीलों से संयम बरतने के लिए कहा था. दीपक मिश्रा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार के केस में सीनियर वकील राजीव धवन के बेहद उद्दंड और खराब थे.कोर्ट ने कहा था कि अदालत में सुनवाई के दौरान धौंस जमाने और ऊंची आवाज में बोलने वाले वकीलों के आचरण को शर्मनाक बताया था. साथ ही कहा था कि इसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
क्या कहा राजीव धवन ने
दरअसल, 5 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट में राम मंदिर मुद्दे पर सुनवाई हुई थी. इस दौरान वहां कांग्रेस नेता और वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल, राजीव धवन और दुष्यंत दवे सहित अनेक वरिष्ठ वकील मौजूद थे. ये वकील केस की सुनवाई जुलाई 2019 तक टालने का अनुरोध करते हुए ऊंची आवाज में दलीलें पेश कर रहे थें. राजीव धवन ने तो वॉकआउट तक की धमकी दे डाली थी.
इसके बाद दिल्ली बनाम केंद्र सरकार केस की सुनवाई हुई. इस दौरान चीफ जस्टिस से राजीव धवन की तीखी बहस हुई. धवन का कहना है कि इस केस की सुनवाई के दौरान उन्हें अपमानित किया गया. जिससे खफा होकर उन्होंने सुप्रीम कोर्ट की प्रैक्टिस छोड़ने का निर्णय किया.