बिहार-झारखंड के 60 प्रतिशत विधायकों पर आपराधिक मामले, अब स्पेशल कोर्ट में साल भर में पूरी होगी सुनवाई
नयी दिल्ली : सांसदों एवं विधायकों पर चल रहे आपराधिक मामलों को निबटाने को लेकर केंद्र सरकार बड़ा कदम उठाने जा रही है. केंद्र सरकार ने ऐसे मामलों को निबटाने के लिए एक साल तक 12 स्पेशल कोर्टकेसंचालन पर सहमति जतायी है.केंद्रसरकार ने यह सहमति सुप्रीम कोर्ट में जतायी है. इन स्पेशल कोर्ट में करीब […]
नयी दिल्ली : सांसदों एवं विधायकों पर चल रहे आपराधिक मामलों को निबटाने को लेकर केंद्र सरकार बड़ा कदम उठाने जा रही है. केंद्र सरकार ने ऐसे मामलों को निबटाने के लिए एक साल तक 12 स्पेशल कोर्टकेसंचालन पर सहमति जतायी है.केंद्रसरकार ने यह सहमति सुप्रीम कोर्ट में जतायी है. इन स्पेशल कोर्ट में करीब 1581 जनप्रतिनिधियों के केसों पर सुनवायी होगी. ये केस 2014 तक विभिन्न नेताओं द्वारा दायर नेताओं के हलफनामे पर आधारित हैं.
देश में विभिन्न राज्यों में विधायकों के कुल 4120 सीट हैं और लोकसभा के 545 एवं राज्यसभा के 245 मिलाकर कुल 790 सांसद हैं. इस प्रकार कुल 4910 सांसद-विधायक हैं. पांच राज्याें में विधान परिषद सदस्य भी हैं.
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार, इन मामलों का निबटारा एक साल के अंदर किया जाना है. अदालत में कानून मंत्री की आरे से इस संबंध में हलफनामा दाखिल किया गया है. सुप्रीम कोर्ट में चुनाव आयोग ने पूर्व में दागी जनप्रतिनिधियों पर चुनाव लड़ने से पूर्ण प्रतिबंध लगाने की मांग की थी,हालांकि केंद्रसरकार ने इसका विरोध करते हुए छह साल बैन लगाने की बात कही थी. उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने नेताओं से जुड़े मामलों की जल्द सुनवाई प्रक्रिया पूरी करने व इससे संबंधित प्लान अदालत को सौंपने का कहा था.
मौजूदा बिहार विधानसभा में 143 एमएलए पर अापराधिक मामले हैं. यह बिहार विधानसभा के कुल विधायकों का 59 प्रतिशत है. इसमें 96 एमएलए ऐसे हैं जिनकेखिलाफ हत्या एवं अपहरण सहित अन्य गंभीर आपराधिक मामले हैं. वहीं, झारखंड के 49 विधायकों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं. झारखंड में कुल 81 विधानसभा सीटें हैं. यानी झारखंड में 60 प्रतिशत विधायकों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं.