नयी दिल्ली : भारत की राजनीति में दशकों तक सत्ता का केंद्र रहा कांग्रेस पार्टी का मुख्यालय राहुल गांधी के पार्टी अध्यक्ष बनने के अवसर पर आज ऐसा लग रहा था मानों वह अपने पुराने ठाठ के दिनों में लौट आया हो क्योंकि पटाखों, आतिशबाजी तथा ढोल की धुन पर नाचते कार्यकताओं और दमकते चेहरों वाले नेताओं ने पूरे वातावरण को भारी जश्न के माहौल में तब्दील कर दिया था.
राजधानी के अकबर रोड़ स्थित पार्टी मुख्यालय के विशाल लॉन में कार्यक्रम आयोजित किया गया था. इसी कार्यक्रम में कांग्रेस के केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण के अध्यक्ष एम रामचन्द्रन ने राहुल को पार्टी अध्यक्ष पद पर निर्वाचित होने का प्रमाण पत्र सौंपा. नवनिर्वाचित अध्यक्ष को यह प्रमाणपत्र सौंपने के अवसर पर इस तरह का भव्य समारोह पार्टी में पहली बार हुआ है.
समारोह में मंच पर राहुल, रामचंद्रन के अलावा सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कोषाध्यक्ष मोतीलाल वोरा, महासचिव जनार्दन द्विवेदी तथा सीईए के सदस्य मधुसूदन मिस्त्री और भुवनेश्वर कालिता मौजूद थे. मनमोहन ने पार्टी को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए दिये गये योगदान को लेकर सोनिया को स्मृति चिन्ह भेंट किया. द्विवेदी ने राहुल को शाल ओढाकर उनका स्वागत किया. समारोह को मनमोहन, सोनिया और राहुल ने संबोधित किया.
मनमोहन ने अंग्रेजी रिपीट अंग्रेजी में भाषण दिया और उनका अधिकतर संबोधन सोनिया के योगदान पर केन्द्रित रहा. सोनिया ने भी हिन्दी में समारोह को संबोधित किया. उन्होंने भावनात्मक शैली में अपना संबोधन किया तथा अपनी सास एवं पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और अपने पति एवं पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी का भी स्मरण किया.
सोनिया जब भाषण दे रही थीं तो उन्हें मुख्यालय के बाहर पार्टी कार्यकताओं द्वारा लगातार पटाखे फोड़े जाने के कारण बार-बार अपना संबोधन बीच में रोकना पड़ रहा था. एक बार तो यह स्थिति आयी कि राहुल गांधी स्वयं उठकर सोनिया के पास गये और उन्होंने कार्यकर्ताओं की तरफ हाथ हिलाकर संकेत किया. इसे पहले राहुल ने अपनी मां सोनिया गांधी को चूम कर उनके प्रति अपना स्नेह सार्वजनिक रुप से प्रदर्शित किया. सोनिया ने कहा राहुल उनका पुत्र है इसके कारण वह उनकी तारीफ नहीं करना चाहती. उन्होंने अध्यक्ष की जिम्मेदारी सफलतापूर्वक निभाने के लिए राहुल को आशीर्वाद भी दिया.
राहुल ने अपना अधिकतर संबोधन अंग्रेजी में दिया. किन्तु बीच में वह कुछ देर हिन्दी में भी बोले. फिर उन्होंने दक्षिण भारत के लोगों का विशेष उल्लेख करते हुए अपना शेष भाषण अंग्रेजी में दिया. पार्टी की बागडोर संभालने के अवसर पर भी राहुल अपने सामान्य परिधान में ही दिखे. उन्होंने सफेद कुर्ता-पायजामा तथा कालेरंग की जैकेट पहन रखी थी.
सामरोह में भाग लेने के लिए पार्टी के लगभग सभी वरिष्ठ नेता, पीसीसी अध्यक्ष, कई पूर्व मुख्यमंत्री, पूर्व केंद्रीय मंत्री, युवा नेता, पार्टी से जुड़े अन्य संगठनों के नेता एवं बड़ी संख्या में कार्यकर्ता मौजूद थे. मुख्यालय के भीतर और बाहर देश के विभिन्न भागों से आये पार्टी कार्यकताओं का हुजूम दिखाई दे रहा था जिनमें से कई अपने क्षेत्रों के पारंपरिक परिधान में थे. इनमें से कई कार्यकर्ता ढोल की धुनों पर नाच रहे थे.
राहुल के अध्यक्ष बनने की खुशी में पार्टी कार्यकर्ताओं ने फटाखे चलाये. कई कार्यकर्ताओं ने एक दूसरे को गुलाल लगाकर अपनी खुशी का इजहार किया. पूरा अकबर रोड़ राहुल गांधी को अध्यक्ष बनने पर बधाई देने के पोस्टरों से अटा पड़ा था जो विभिन्न पार्टी नेताओं, कार्यकर्ताओं और समर्थकों की ओर से लगाये गये थे. इसके अलावा पार्टी मुख्यालय पर बड़ी संख्या में मीडियाकर्मी और उनकी ओबी वैन मौजूद थीं.
सोनिया, राहुल एवं मनमोहन की उपस्थिति के कारण कांग्रेस मुख्यालय पर सुरक्षा के कड़े प्रबंध किये गये थे और बड़ी संख्या में सुरक्षाकर्मी मौजूद थे. सेवादल के कार्यकर्ता भी भीड़ को नियंत्रित करने में सुरक्षाकर्मियों की मदद कर रहे थे. कई मीडियाकर्मियों को सुरक्षा प्रबंधों के कारण मुख्यालय में प्रवेश के लिए बहुत मशक्कत करनी पड़ी.