गुजरात-हिमाचल में भाजपा की बढ़त पर सोनिया-राहुल ने साधी चुप्पी, आनंदीबेन ने कहा – गाली का फायदा मिला

नयी दिल्‍ली : सोनिया गांधी और कांग्रेस अध्‍यक्ष राहुल गांधी गुजरात और हिमाचल प्रदेश चुनाव के नतीजों पर चुप्‍पी साधे नजर आए. गुजरात चुनाव नतीजों में शुरुआती बढ़त के बाद भाजपा ने बाजी मारते हुए 101 सीटों पर बढ़त बना ली है. यहां कांग्रेस को फायदा जरुर हुआ है, लेकिन बहुमत भाजपा के पक्ष में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 18, 2017 1:34 PM

नयी दिल्‍ली : सोनिया गांधी और कांग्रेस अध्‍यक्ष राहुल गांधी गुजरात और हिमाचल प्रदेश चुनाव के नतीजों पर चुप्‍पी साधे नजर आए. गुजरात चुनाव नतीजों में शुरुआती बढ़त के बाद भाजपा ने बाजी मारते हुए 101 सीटों पर बढ़त बना ली है. यहां कांग्रेस को फायदा जरुर हुआ है, लेकिन बहुमत भाजपा के पक्ष में है. वहीं हिमाचल में कांग्रेस को भारी नुकसान उठाना पड़ा है. हिमालच में 66 में से 44 सीटें भाजपा के पक्ष में हैं. कांग्रेस को वहां 20 सीटें ही मिलती दिख रही है.

चुनाव प्रचार की बात करें तो राहुल गांधी ने दोनों राज्‍यों में अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी. उन्‍हें नतीजे अपने पक्ष में आने की पूरी उम्‍मीद थी. ऐसे में उलट नतीजे के बाद राहुल और सोनिया दोनों ही पत्रकारों से सवालों से बचते नजर आए. संसद से बाहर निकलते हुए उन्‍होंने पत्रकारों के सवालों से खुद को बचाया. दोनों ने किसी भी सवाल का जवाब नहीं दिया.

वहीं गुजरात की पूर्व मुख्‍यमंत्री आनंदीबेन पटेलने गुजरात चुनाव में भाजपा की बढ़त के बाद कहा कि देश में मोदी का जादू बरकरार है. कांग्रेस ने चुनाव प्रचार के दौरान जो गाली गलौज की, वह हमारे (भाजपा) लिए फायदेमंद रहा. उन्‍होंने कहा कि यह विकास की जीत है. पूरा देश विकास चाहता है और कांग्रेस विकास के एजेंडे से भटक गया है.

जबकि कांग्रेस सांसद शशि थरुर ने गुजरात विधानसभा चुनाव परिणाम के बारे में कहा कि इस चुनाव का सफर अच्छा रहा, भले ही मंजलि तक ना पहुंचे हों. उन्‍होंने कहा कि पहले ही टेस्ट मैच में शतक की उम्मीद करना बेमानी है, यह पहला चुनाव था, हमने अच्छा प्रदर्शन किया. उन्होंने कहा कि गुजरात में पार्टी जहां मजबूत थी वहां 70 सीटों पर बढ़त बनायी है जबकि भाजपा अपने गढ़ में कमजोर हुई है. थरुर ने कहा कि चुनाव परिणाम को राहुल बनाम मोदी के नजरिए से ना देखा जाए, क्योंकि देश में संसदीय तंत्र है राष्ट्रपति प्रणाली नहीं, इसलिए कोई भी चुनाव व्यक्ति केंद्रित नहीं हो सकता है.

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