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हार के बाद राहुल गांधी ने कहा, नफरत के खिलाफ गरिमा से लड़ी लड़ाई
राहुल ने स्वीकारी हार, कांग्रेस कार्यकर्ताओं को दिया संदेश नयी दिल्ली : कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने गुजरात और विधानसभा चुनावों में हार स्वीकार कर ली है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी जनता के निर्णय को स्वीकार करती है और दोनों राज्यों में नयी सरकारों को बधाई देती है. राहुल ने ट्वीट कर कहा, मैं […]
राहुल ने स्वीकारी हार, कांग्रेस कार्यकर्ताओं को दिया संदेश
नयी दिल्ली : कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने गुजरात और विधानसभा चुनावों में हार स्वीकार कर ली है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी जनता के निर्णय को स्वीकार करती है और दोनों राज्यों में नयी सरकारों को बधाई देती है.
राहुल ने ट्वीट कर कहा, मैं गुजरात और हिमाचल की जनता का मेरे प्रति प्यार दिखाने के लिए तहेदिल से शुक्रिया अदा करता हूं. कांग्रेस कार्यकर्ताओं को दिये अपने संदेश में राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस के मेरे भाइयों और बहनों आपने मुझे बहुत गौरवान्वित किया है. आप उनसे अलग हैं, जिनके खिलाफ लड़े. आपने गुस्से के खिलाफ सम्मान से लड़ाई लड़ी. आपने यह दिखाया है कि कांग्रेस की सबसे बड़ी ताकत शालीनता और साहस है. हमने नफरत के खिलाफ गरिमा से लड़ाई लड़ी.
उधर, कांग्रेस नेता अशोक गहलोत ने कहा कि जो भी परिणाम आये हों, यह हमारे लिए नैतिक जीत है. यह मुद्दों पर आधारित राहुल गांधी के चुनाव प्रचार की जीत है. भाजपा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह के गृह राज्य में संघर्ष करती दिखी. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने गुजरात में शानदार तरीके से प्रचार किया, राहुल जी के कैंपेन ने हमें इंदिरा जी की याद दिला दी. गहलोत ने कहा कि जिस तरह से प्रधानमंत्री मोदी ने हमले किये, पर राहुल ने कहा था कि कांग्रेस के लोग प्रधानमंत्री के खिलाफ टिप्पणी नहीं करेंगे.
इधर, कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि इस चुनाव का सफर अच्छा रहा, भले ही मंजलि तक ना पहुंचे हों. कहा कि पहले ही टेस्ट मैच में शतक की उम्मीद करना बेमानी है, यह पहला चुनाव था, हमने अच्छा प्रदर्शन किया.
कांग्रेस को इस सवाल का जवाब ठंडे दिमाग से खोजना चाहिए कि क्या गुजरात में हार्दिक पटेल, अल्पेश ठाकोर और जिग्नेश का जातिवादी एजेंडा काम आया या फिर उसे इसकी कीमत चुकानी पड़ी. भाजपा जीत का जश्न मनायेगी.
राम माधव, भाजपा नेता
भाजपा गुजरात चुनाव में 150 सीटों पर जीत का दावा कर रही थी, जबकि परिणाम उसके उलट रहे. इस चुनाव परिणाम ने स्पष्ट कर दिया कि गुजरात विकास मॉडल एक छलावा था. जनता ने इसका जवाब िदया है.
अखिलेश यादव, सपा अध्यक्ष
पूरी आशंका है कि भाजपा और जोरदार तरीके से हिंदुत्व की नीति पर आगे बढ़ेगी. यह भारतीय लोकतंत्र के लिए अच्छा संकेत नहीं है. कांग्रेस ने गुजरात में अपना आंकड़ा सुधारा है, पर सत्ता विरोधी लहर रोकने में नाकाम रही.
एस सुधाकर रेड्डी, भाकपा महासचिव
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