नयी दिल्ली : पीएम मोदी द्वारा पूर्व पीएम मनमोहन सिंह पर की टिप्पणी को लेकर कांग्रेस ने सदन से वॉकआउट कर दिया. यह मामला मंगलवार को दोनों सदनों में उठा. राज्यसभा में हंगामा होते देख वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि मैं अपने सभी सहकर्मियों और विपक्ष के नेताओं को बुलाऊंगा और इस मुद्दे का समाधान खोजने की कोशिश करूंगा. पीएम मोदी की कथित टिप्पणी को लेकर राज्यसभा में जारी गतिरोध को दूर करने के लिए सदन के नेता अरुण जेटली कांग्रेस सहित विभिन्न विपक्षी दलों के नेताओं के साथ बैठक करेंगे ताकि इस मुद्दे का कोई समाधान निकाला जा सके.
राज्यसभा में मंगलवार को प्रश्नकाल शुरू होते ही विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने यह मुद्दा उठाया और कहा कि चुनाव प्रचार के दौरान आरोप प्रत्यारोप लगते रहते हैं. लेकिन कुछ आरोप घातक हो सकते हैं. ऐसे ही आरोप एक पूर्व प्रधानमंत्री पर लगाये गये हैं जो 10 साल तक इस पद पर रहे. उन्होंने कहा कि मनमोहन सिंह की ईमानदारी और देश के प्रति उनकी निष्ठा पर सवाल किये गये हैं. आजाद ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री के अलावा 10 साल तक पद पर रहे पूर्व उपराष्ट्रपति, पूर्व विदेश मंत्री, पूर्व सेना प्रमुख आदि पर भी आरोप लगाये गये हैं.
इस दौरान कांग्रेस और भाजपा सदस्यों के बीच तकरार की स्थिति बन गयी. सभापति एम वेंकैया नायडू ने दोनों पक्षों से शांति बनाये रखने की अपील करते हुए गतिरोध को दूर करने की जरुरत पर बल दिया. उन्होंने सुबह विभिन्न दलों के नेताओं की हुयी अनौपचारिक बैठक का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने इस मुद्दे पर सदन में बने गतिरोध को दूर करने की पहल की है. सदन चले इसके लिए सदस्यों के सहयोग की जरुरत है.
उन्होंने कहा कि सहमति बनी है कि सदन के नेता और नेता प्रतिपक्ष बातचीत करेंगे ताकि कोई समझौता हो सके और सदन का जरुरी समय बर्बाद नहीं हो. उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री सिंह ने मुलाकात होने का भी जिक्र किया. आजाद ने सुझाव दिया कि बैठक में विभिन्न दलों के नेताओं को भी शामिल किया जाना चाहिए. इसके बाद सदन के नेता और वित्त मंत्री जेटली ने घोषणा की कि वह जल्दी ही बैठक बुलाएंगे. इसके बाद सदन में प्रश्नकाल सुचारु रुप से चला.
मनमोहन सिंह के खिलाफ टिप्पणी को लेकर लोस में हंगामा
मनमोहन सिंह के खिलाफ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की टिप्पणी के मुद्दे पर कांग्रेस सदस्यों ने प्रश्नकाल एवं शून्यकाल में भारी हंगामा किया. संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने कहा कि यह अत्यंत निंदनीय है कि कांग्रेस सदस्य छद्म कार्यवाही चलाने का प्रयास कर रहे हैं और आसन की अनुमति के बिना अपनी बात रख रहे हैं. शून्यकाल के दौरान कांग्रेस सदस्य आसन के समीप आकर अपनी बात रख रहे थे और नारेबाजी कर रहे थे। खडगे को भी कुछ कहते हुए देखा गया लेकिन उनकी बात सुनी नहीं जा सकी. कांग्रेस सदस्य बार बार अध्यक्ष ने अपनी बात रखने की अनुमति देने का आग्रह कर रहे थे. कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि यह तो शून्यकाल है, शून्यकाल में बात रखने की अनुमति देने में क्या हर्ज है. उन्होंने कहा कि हमें अपनी बात रखने की अनुमति दी जाए. एक पूर्व प्रधानमंत्री का अपमान हुआ है, यह गंभीर मामला है. अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा कि रोज रोज इस तरह से सदन के कार्य में बाधा डालना ठीक नहीं है. इससे पहले शून्यकाल शुरु होने पर अध्यक्ष ने आवश्यक कागजात सभापटल पर रखवाये और कांग्रेस सदस्यों के शोर शराबे के दौरान ही कार्यवाही आगे बढाया. सदन में शून्यकाल के दौरान आज कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी मौजूद दे. अपनी बात रखने की अनुमति नहीं दिये जाने पर कांग्रेस सदस्यों ने कहा कि यह उचित नहीं है कि आप बोलने की अनुमति नहीं दे रही हैं. इसके बाद शून्यकाल के बीच ही कांग्रेस के सांसदों ने वाकआउट कर दिया.
इस दौरान, संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने कहा कि कांग्रेस पार्टी के सांसदों ने आज जो किया है वह शर्मनाक और निंदनीय है. वे एक मुद्दे को उठाते हुए आसन के समीप आये और उन्होंने छद्म कार्यवाही चलाने का प्रयास किया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के सांसदों ने एक के बाद एक बोलकर आसन की अवहेलना की. कुमार ने कहा कि सदन में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खडगे इतने अनुभवी होने के बाद भी आसन की अनुमति के बिना किसी विषय पर अपना भाषण पूरा पढने का प्रयास कर रहे थे। हम इसकी घोर निंदा करते हैं. उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि जो पार्टी 70 साल तक सत्ता में रही हो, वह आसन का इस तरह अपमान कर रही है. भगवान उन्हें सद्बुद्धि दे और वे फिर से ऐसा नहीं करें.