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यूपी की तरह गुजरात में भी सीएम के रूप में चौंकाने वाला नाम आ सकता है, 25 को शपथ संभव

नयी दिल्ली : गुजरात में भारतीय जनता पार्टी ने पिछले ढाई दशक में सबसे मुश्किल से चुनाव जीता है. यह स्थिति तब हुई है जब गुजरात से आने वाले भाजपा के दो नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के हाथों में पार्टी का पूर्ण नेतृत्व है. पाटीदारों, दलितों व पिछड़ों के सरकार […]

नयी दिल्ली : गुजरात में भारतीय जनता पार्टी ने पिछले ढाई दशक में सबसे मुश्किल से चुनाव जीता है. यह स्थिति तब हुई है जब गुजरात से आने वाले भाजपा के दो नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के हाथों में पार्टी का पूर्ण नेतृत्व है. पाटीदारों, दलितों व पिछड़ों के सरकार विरोधी आंदोलन के कारण पार्टी को ऐसी स्थिति का सामना करना पड़ा है. भारतीय जनता पार्टी के अंदर राज्य से लेकर केंद्र तक यह धारणा मजबूत है कि चाहे आनंदी बेन पटेल हों या विजय रूपाणी वे मजबूती से सरकार का नेतृत्व नहीं कर पाये हैं. ऐसे में भारतीय जनता पार्टी गुजरात में मुख्यमंत्री के रूप में नये नाम पर विचार कर सकती है. चुनाव के दौरान भले ही भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कहा हो कि विजय रूपानी और नितिन पटेल के नेतृत्व में आगे भीराज्य में काम होगा, लेकिन चुनाव परिणाम आने के बाद उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि गुजरात के मुख्यमंत्री के नाम का फैसला संसदीय बोर्ड करेगा. संसदीय बोर्ड के अंतिम फैसले से पहले इसके लिए अरुण जेटली को पर्यवेक्षक बना दिया गया है और उन्हें यह जिम्मेवारी सौंपी गयी है कि वे राज्य के नेताओं से बात कर मुख्यमंत्री के नाम पर फैसला लें और केंद्रीय नेतृत्व को इस संबंध में अवगत करायें. गुजरात में 25 दिसंबर को मुख्यमंत्री के शपथ लेने की संभावना है. ऐसे में भाजपा खेमे में गुजरात के अगले मुख्यमंत्री के रूप में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, पुरुषोत्तम रूपाला और मनसुख मांडविया के नाम की चर्चा जोरों पर है.

स्मृति ईरानी फिलहाल केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री हैं औ कपड़ा मंत्रालय भी उनके पास है. पुरुषोत्तम रूपाला पंचायती राज्य मंत्री हैं. मनसुख मांडविया भी सीएम की रेस में माने जा रहे हैं जो फिलहाल केंद्र में सड़क परिवहन मंत्री हैं. दूसरी ओर पटेल समुदाय के बीच पार्टी की साख बचाये रखने में जुटे रहे नितिन पटेल को पार्टी इसके लिए अगर पुरस्कृत करती है ताे वे भी मुख्यमंत्री हो सकते हैं. उनके सीएम बनने की स्थिति में राजेंद्र त्रिवेदी, गणपतसिंह वासवा व डॉ नीमाबेन आचार्य डिप्टी सीएम को दावेदार हो सकते हैं.

उधर, हिमाचल प्रदेश में रक्षामंत्री निर्मला सीतारमन और केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर नेताओं से बात कर मुख्यमंत्री के नाम पर फैसला करेंगे. वहां जयराम ठाकुर का नाम सीएम पद की रेस में मजबूत माना जा रहा है, जबकि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा भी इस पद के दावेदार हैं.
बहरहाल, इतना तय है कि भारतीय जनता पार्टी इस बार मुख्यमंत्री चयन में विधायकों के नजरिये को महत्व देगी और यह भी तय है कि ऐसे चेहरे को सीएम के रूप में चुनेगी जो पार्टी व सरकार का अगले कई सालों तक नेतृत्व करने में सक्षम हों. इस बीच आज भाजपा संसदीय दल की बैठक है, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह सहित सभी बड़े नेता व सांसद शामिल होंगे.

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