रक्षा मंत्री सीतारमण ने लोकसभा में कहा-राफेल को लेकर विवाद दुर्भावना से प्रेरित, निराधार
नयी दिल्ली : सरकार ने राफेल लडाकू विमान सौदे पर विवाद को दुर्भावना से प्रेरित और निराधार करार दिया और कहा कि लड़ाकू विमानों को बेहतर शर्तों पर खरीदा गया है. लोकसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि रक्षा खरीद प्रक्रिया (डीपीपी) के सभी प्रावधानों का पालन […]
नयी दिल्ली : सरकार ने राफेल लडाकू विमान सौदे पर विवाद को दुर्भावना से प्रेरित और निराधार करार दिया और कहा कि लड़ाकू विमानों को बेहतर शर्तों पर खरीदा गया है. लोकसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि रक्षा खरीद प्रक्रिया (डीपीपी) के सभी प्रावधानों का पालन किया गया है और 23 सितंबर 2016 को सुरक्षा मामलों संबंधित कैबिनेट समिति (सीसीएस) की मंजूरी के बाद सरकारों के बीच समझौते हस्ताक्षर किया गया.
उन्होंने कहा, आरोप दुर्भावना से प्रेरित और निराधार हैं. सरकार ने बेहतर शर्तों पर राफेल विमान को खरीदा है. यह सवाल छह सांसदों ने पूछा जिनमें तीन भाजपा के अलावा बीजद के भतृहरी महताब, समाजवादी पार्टी के तेज प्रताप सिंह यादव और शिवसेना के राहुल शेवाले शामिल हैं. कांग्रेस ने आरोप लगाए थे कि 36 राफेल विमानों की खरीद में बडा घोटाला हुआ है और डीपीपी का पालन किये बगैर इसकी एकतरफा खरीद की गयी है जिसमें अंतर सरकारी समझौता नहीं हुआ है और तत्कालीन रक्षा मंत्री मनोहर परीकर अनुपस्थिति में सौदा हुआ. कांग्रेस ने इसे गुजरात चुनावों में मुद्दा भी बनाया था.
पिछले तीन वर्षों में किये गये सर्जिकल स्ट्राइक की संख्या पर एक सवाल के जवाब में रक्षा मंत्री ने कोई सीधा जवाब नहीं दिया. उन्होंने कहा, विशिष्ट और विश्वसनीय सूचना पर भारतीय सेना सीमा पर आतंकवादियों, घुसपैठियों पर समय-समय पर हमला करती है ताकि देश की एकता, अखंडता और संप्रभुता को कायम रखा जा सके. एक अन्य सवाल के जवाब में कि क्या सरकार पश्चिमी और उत्तरी सीमाओं पर दोतरफ युद्ध की संभावना देखती है और डोकलाम जैसी स्थिति तथा पाकिस्तान की तरफ से छेडे गए छद्म युद्ध के लिए सरकार ने क्या कदम उठाए हैं, इस पर सीतारमण ने कहा कि सरकार सुरक्षा खतरों से पूरी तरह अवगत है और किसी भी तरह की सुरक्षा चुनौती से निपटने के लिए तैयार है.
उन्होंने कहा, देश की संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता और सुरक्षा के लिए समय-समय पर उपयुक्त कदम उठाये जाते हैं और रक्षा तैयारियों को उन्नत किया जाता है. एक अन्य सवाल के जवाब में रक्षा राज्यमंत्री सुभाष भामरे ने बताया कि 2014-15 से 2016-17 के बीच दुर्घटना के 35 मामलों में रक्षा बलों के 14 पायलटों की जान चली गयी. उन्होंने कहा कि इस तरह की हर घटना की की गहन जांच बोर्ड ऑफ इन्क्वायरी करती है ताकि दुर्घटना के कारणों का पता लगाया जा सके. एक अन्य सवाल के जवाब में भामरे ने स्वीकार किया कि बहुद्देशीय हल्के लड़ाकू विमान तेजस के उत्पादन और तैनाती में विलंब हुआ है.