ट्रिपल तलाक बिल अब शुक्रवार को लोकसभा में होगा पेश, जानें क्या होगा बदलाव

नयी दिल्ली : देशभर में तीन तलाक को समाप्त करने के मकसद से शुक्रवार को लोकसभा में मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक पेश किया जायेगा. इसे ट्रिपल तलाक बिल भी कहा जा रहा है. नरेंद्र मोदी सरकार तीन तलाक को संज्ञेय और गैर जमानती अपराध बनाने के लिए इस विधेयक को पेश करेगी. एक […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 21, 2017 11:34 AM

नयी दिल्ली : देशभर में तीन तलाक को समाप्त करने के मकसद से शुक्रवार को लोकसभा में मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक पेश किया जायेगा. इसे ट्रिपल तलाक बिल भी कहा जा रहा है. नरेंद्र मोदी सरकार तीन तलाक को संज्ञेय और गैर जमानती अपराध बनाने के लिए इस विधेयक को पेश करेगी. एक बार अगर यह विधेयक पारित हो गया तो एक बार में तीन तलाक देने वाले को तीन साल तक की जेल और जुर्माने का प्रावधान है.

सरकार ने बुधवार को सदन में कहा कि एक बार में तीन तलाक (तलाक-ए-बिद्दत) के खिलाफ विधेयक तैयार करने में मुस्लिम संगठनों से कोई विचार-विमर्श नहीं किया गया और यह मुद्दा लैंगिक न्याय, लैंगिक समानता और महिलाओं की गरिमा की मानवीय अवधारणा से जुड़ा हुआ है. जिसमें आस्था और धर्म का कोई संबंध नहीं है. सरकार से प्रश्न पूछा गया था कि क्या उसने विधेयक का मसौदा तैयार करने में मुस्लिम संगठनों के साथ विचार-विमर्श किया है. जिस पर कानून राज्य मंत्री पी पी चौधरी ने ‘ना’ में जवाब दिया.

एक अन्य प्रश्न के लिखित उत्तर में कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा, सरकार का मानना है कि यह मुद्दा लैंगिक न्याय, लैंगिक समानता और महिलाओं की गरिमा की मानवीय अवधारणा से जुड़ा हुआ है और इसमें आस्था और धर्म का कोई संबंध नहीं है. उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने एक बार में तीन तलाक को अवैध करार दिया, लेकिन इसके बाद भी ऐसे 66 मामले सामने आये हैं.

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बीते 15 दिसंबर को मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक को मंजूरी प्रदान की. इस विधेयक में तलाक देने वाले पति के लिए तीन साल की जेल और जुर्माने का प्रवधान किया गया है.

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