2G मामले के सभी आरोपियों को बरी करने के फैसले को चुनौती देगी CBI

नयी दिल्ली : सीबीआई ने कहा है कि वह 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाले के सभी आरोपियों को बरी करने के विशेष अदालत के फैसले को चुनौती देगी. विशेष अदालत ने गुरुवार को इस मामले में सभी 16 आरोपियों को बरी करते हुए जांच एजेंसी द्वारा पेश मामले को खारिज कर दिया. एजेंसी को सामान्य तौर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 21, 2017 5:33 PM

नयी दिल्ली : सीबीआई ने कहा है कि वह 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाले के सभी आरोपियों को बरी करने के विशेष अदालत के फैसले को चुनौती देगी. विशेष अदालत ने गुरुवार को इस मामले में सभी 16 आरोपियों को बरी करते हुए जांच एजेंसी द्वारा पेश मामले को खारिज कर दिया. एजेंसी को सामान्य तौर पर किसी अदालती आदेश का अध्ययन करने में महीनों का समय लगता है. जिसके बाद वह उच्च न्यायालय में अपील करती है.

लेकिन इस मामले में सीबीआई ने फैसला आने के कुछ घंटों के बाद ही घोषणा कर दी है कि प्रथम दृष्टया यह समीक्षा का मामला बनता है. सीबीआई के प्रवक्ता अभिषेक दयाल ने कहा, 2जी घोटाले से संबंधित फैसले की प्रथम दृष्टया समीक्षा के बाद ऐसा प्रतीत होता है कि अभियोजन द्वारा आरोपों को आगे बढाने के लिए पेश किये गये प्रमाणों पर संबंधित अदालत ने उचित तरीके से विचार नहीं किया.

सीबीआई इस मामले में जरुरी कानूनी कदम उठायेगी. यह पूछे जाने पर कि क्या यह अपील दिल्ली उच्च न्यायालय में दायर की जायेगी, प्रवक्ता ने इसका ‘हां’ में जवाब दिया. पूर्व दूरसंचार मंत्री ए. राजा और द्रमुक सांसद कनिमोई को सीबीआई की विशेष अदालत ने गुरुवार को 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाला मामले में बरी कर दिया. अदालत ने 15 अन्य आरोपियों और तीन कंपनियों को भी बरी किया गया है.

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी विशेष अदालत के फैसले को चुनौती देने का फैसला किया है. विशेष अदालत ने 19 लोगों को 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन से संबंधित मनी लांड्रिंग मामले में बरी किया है. ईडी के अधिकारियों ने कहा कि एजेंसी फैसले का अध्ययन करेगी और सबूतों और जांच के साथ उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटायेगी. अधिकारियों ने कहा कि यह देखा जाना है कि क्या अदालत ने सिर्फ इस आधार पर ईडी के मामले को खारिज किया कि एजेंसी ने अनुमान के आधार पर यह जांच की है या इसके पीछे अन्य कारण भी थे.

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