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रेयान स्कूल हत्याकांड : आरोपी छात्र ने मांगी जमानत, सीबीआई ने किया विरोध

गुडगांवः रेयान इंटरनेशनल स्कूल में सात वर्षीय बच्चे की हत्या के आरोपी, स्कूल के ही 11वीं कक्षा के छात्र की जमानत याचिका का सीबीआई ने आज गुडगांव की अदालत में विरोध किया. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश जसबीर सिंह कुंडु ने मामले की अगली सुनवायी के लिए छह जनवरी की तारीख तय की है. उस दिन 16 […]

गुडगांवः रेयान इंटरनेशनल स्कूल में सात वर्षीय बच्चे की हत्या के आरोपी, स्कूल के ही 11वीं कक्षा के छात्र की जमानत याचिका का सीबीआई ने आज गुडगांव की अदालत में विरोध किया. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश जसबीर सिंह कुंडु ने मामले की अगली सुनवायी के लिए छह जनवरी की तारीख तय की है. उस दिन 16 वर्षीय छात्र को जमानत नहीं देने के किशोर न्याय बोर्ड के फैसले को चुनौती देने वाली आरोपी की याचिका पर अदालत सुनवायी करेगी.

जांच एजेंसी ने अदालत में लिखित रुप से आरोपी की जमानत याचिका का विरोध किया है. आरोपी के वकील की मांग पर अदालत ने मामले की सुनवायी अगली तारीख तक के लिए स्थगित कर दी है. किशोर न्याय बोर्ड ने 20 दिसंबर को अपने फैसले में कहा था कि 16 वर्षीय आरोपी के खिलाफ वयस्कों की भांति मुकदमा चलेगा और उसे गुडगांव सत्र अदालत में आज पेश करने का निर्देश दिया था. किशोर न्याय (बच्चों की देखरेख और सुरक्षा) कानून, 2015 के तहत बलात्कार, हत्या, डकैती और हत्या, जैसे गंभीर अपराध ….. जिनमें न्यूनतम सजा सात वर्ष हो ….. के आरोपी किशोरों के लिए आयु सीमा को 18 वर्ष से घटाकर 16 वर्ष कर दिया था.

हालांकि, किशोर न्याय बोर्ड पहले यह तय करता है कि किशोर द्वारा किया गया अपराध बच्चों जैसी गलती है या फिर वयस्को जैसी मानसिक स्थिति में घटना को अंजाम दिया गया है, उसके बाद बोर्ड तय करता है कि आरोपी के खिलाफ मुकदमा वयस्कों की भांति चलेगा या नहीं. बोर्ड ने 20 दिसंबर को अपने फैसले में कहा कि रेयान स्कूल परिसर में सात वर्षीय बच्चे की हत्या के आरोपी 16 वर्षीय छात्र के खिलाफ वयस्क व्यक्ति की भांति मुकदमा चलेगा। बोर्ड के समक्ष आवेदन किया गया था कि इस आरोप के अपराधी के साथ किशोरों की भांति व्यवहार नहीं किया जाना चाहिए.

गुडगांव स्थित रेयान इंटरनेशनल स्कूल में आठ सितंबर को दूसरी कक्षा के छात्र प्रद्युम्न ठाकुर की हत्या करने के आरोपी 11वीं कक्षा के छात्र की जमानत अर्जी को बोर्ड पहले ही खारिज कर चुका है. बोर्ड ने पीजीआई रोहतक के एक मनोविश्लेषक वाली समिति गठित की थी ताकि उसे आरोपी के संबंध में विशेषज्ञ राय मिल सके। किशोर को सीबीआई ने पिछले महीने हिरासत में लिया था. समिति ने दो सीलबंद लिफाफों में अपनी रिपोर्ट सौंपी.किशोर न्याय बोर्ड ने कहा कि आरोपी अपने कृत्य के परिणामों को समझने के लिए परिपक्व है. सीबीआई का दावा है कि आरोपी ने प्रद्युम्न को इसलिए मारा ताकि स्कूल बंद हो जाए और पैरेन्ट-टीचर मीटिंग और परीक्षाओं को टाल दिया जाए.

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