हिमाचल में सीएम तय करने में संघ की होगी अहम भूमिका
शिमला : हिमाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री पद के नाम को लेकर भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के बीच मंथन जारी है. शुक्रवार को केंद्रीय पर्यवेक्षकों के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रदेश कार्यालय जाने से स्पष्ट हो गया कि अंतिम फैसला संघ की सहमति से होगा. भाजपा नेतृत्व ऐसे अहम फैसलों में संघ की राय लेता […]
शिमला : हिमाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री पद के नाम को लेकर भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के बीच मंथन जारी है. शुक्रवार को केंद्रीय पर्यवेक्षकों के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रदेश कार्यालय जाने से स्पष्ट हो गया कि अंतिम फैसला संघ की सहमति से होगा. भाजपा नेतृत्व ऐसे अहम फैसलों में संघ की राय लेता रहा है. लेकिन, इस तरह पर्यवेक्षकों की बैठक अमूमन नहीं होती है. प्रदेश विधानसभा चुनाव में भी संघ की भूमिका इस बार बेहद अहम रही है. ऐसे में माना जा रहा है कि प्रदेश के लिए दिल्ली से तय होने वाले मुख्यमंत्री के लिए संघ का समर्थन बेहद अहम है.
दिल्ली में अगले मुख्यमंत्री की घोषणा हो सकती है. वहीं, राज्य में कैबिनेट के लिए भी दौड़ शुरू हो गयी है. बताया जा रहा है कि इस बार कांग्रेस के गढ़ से जीते हुए विधायक मंत्री की रेस में शामिल होंगे. सूत्रों के मुताबिक, भाजपा का केंद्रीय संसदीय बोर्ड हिमाचल के अगले मुख्यमंत्री की घोषणा करेगा. इसके लिए दोनों पर्यवेक्षकों रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण और नरेंद्र सिंह तोमर ने अपनी रिपोर्ट भी सौंप दी है.
इधर, भाजपा की आपसी कलह खुलकर सामने आ गयी है. शुक्रवार को एक ओर जहां कोर कमिटी की बैठक चल रही थी, वहीं बाहर भाजपा की तरफ से घोषित प्रेम कुमार धूमल के समर्थक और जयराम ठाकुर के गुट के बीच जमकर नारेबाजी हो रही थी.
कोई विधायक ही बनेगा सीएम
भाजपा ने चुनाव के वक्त प्रेम कुमार धूमल को अपना सीएम उम्मीदवार बनवाया था, लेकिन वह चुनाव हार गये हैं. इसके बाद इस पद के लिए कई नाम सामने आये हैं, पार्टी चुने हुए विधायकों में से ही किसी को राज्य की कमान सौंपेगी. केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा और शांता कुमार के नाम की भी चर्चा है.