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”डॉक्टरों का तनाव समझने के लिए PM नरेंद्र मोदी एक दिन डॉक्टर का जीवन जीएं”

नयी दिल्ली : राजस्थान में उच्च वेतन और पदोन्नति की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे डॉक्टरों का समर्थन करते हुए एम्स के रेजिडेंट डॉक्टरों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उनका तनाव समझने के लिए एक दिन उनकी जिंदगी जीने के लिए कहा है. एम्स रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (आरएडी) ने शनिवार को मोदी को पत्र […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 24, 2017 1:19 PM

नयी दिल्ली : राजस्थान में उच्च वेतन और पदोन्नति की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे डॉक्टरों का समर्थन करते हुए एम्स के रेजिडेंट डॉक्टरों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उनका तनाव समझने के लिए एक दिन उनकी जिंदगी जीने के लिए कहा है. एम्स रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (आरएडी) ने शनिवार को मोदी को पत्र लिख कर सरकारी अस्पतालों में खराब बुनियादी ढांचे और आपात हालत में मरीज के रिश्तेदारों द्वारा दुर्व्यवहार की वजह से डॉक्टरों पर जबर्दस्त दबाव को समझने का आग्रह किया है.

एम्स आरडीए के अध्यक्ष हरजीत सिंह भट्टी ने पत्र में लिखा, हम भाग्यशाली हैं कि हमारे पास आप जैसा सक्रिय प्रधानमंत्री है… अब आरडीए एम्स आपसे अनुरोध करता है कि आप सफेद एप्रेन पहनें और सरकारी डॉक्टर की तरह एक दिन बिताएं ताकि आप हम पर जबर्दस्त दबाव, इलाज नहीं मिलने से मरीजों के गुस्से और संसाधन तथा बुनियादी ढांचे की कमी की वजह से दम तोड़ती स्वास्थ्य व्यवस्था को समझ सकें.

उन्होंने कहा कि यह उन मंत्रियों के लिए भी एक मिसाल पेश करेगा जो डॉक्टरों पर घटिया प्रचार का आरोप लगाते हैं. पत्र में कहा गया है, डॉक्टर के तौर पर आपका दिन स्वास्थ्य व्यवस्था के लिए मील का पत्थर साबित होगा क्योंकि यह चिकित्सा पेशे में विश्वास बहाल करेगा. राजस्थान सरकार द्वारा आवश्यक सेवाएं रख-रखाव अधिनियम (आरईएसएमए) को तीन महीने के लिए लागू कर राज्य के कई डॉक्टरों को गिरफ्तार किया गया है.

इसके बाद राजस्थान इन सर्विस डॉक्टर असोसिएशन ने उनकी मांगों के समर्थन में बेमियादी हडताल करने को कहा है. पत्र में कहा गया है कि राजस्थान के डॉक्टर 16 दिसंबर से हडताल पर हैं. यह हड़ताल इच्छा के मुताबिक नहीं, बल्कि मजबूरी है, क्योंकि राज्य सरकार ने आरईएसएमए लागू कर 86 डॉक्टरों को गिरफ्तार कर लिया है.

इसमें कहा गया है उनकी मांगों को पहले राजस्थान सरकार ने मान लिया था लेकिन वे उन्हें पूरा करने से अब इनकार कर रहे हैं. इससे मेहनतकश डॉक्टरों में अश्विास और गुस्सा है. कृपया राजस्थान सरकार को अपना वायदा पूरा करने का निर्देश दें और डॉक्टरों पर जुल्म को रोकें.

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