नयी दिल्ली : पाकिस्तान की जेल में बंद भारतीय सेना के पूर्व अधिकारी कुलभूषण जाधव ने विदेश मंत्रालय में अपनी पत्नी और मां से मुलाकात की, लेकिन इस मुलाकात में भी पाकिस्तान ने अपनी चाल चल दी और उनके बीच कांच की एक दीवार खड़ी कर दी. यानी जाधव अपने परिजन को करीब से मिले जारुर, लेकिन उनके पास नहीं हो पाये. पिछले साल मार्च में गिरफ्तारी के बाद से जाधव की उनसे यह पहली मुलाकात है.
करीब 40 मिनट की बैठक भारी सुरक्षा वाले विदेश मंत्रालय की इमारत में हुई. विदेश कार्यालय ने जाधव का एक नया वीडियो संदेश भी जारी किया जिसमें उसे अपनी पत्नी और मां से मुलाकात कराने के लिए पाकिस्तान सरकार का शुक्रिया अदा करते देखा जा सकता है.
मुलाकात के बाद पाकिस्तान ने टुकड़े-टुकड़े में कई वीडियो जारी किया. एक वीडियो में कुलभूषण परिजनों से मुलाकात कराने के लिए पाकिस्तान सरकार को शुक्रिया कहते दिखाई दे रहे हैं. वीडियो में कुलभूषण जाधव कह रहे हैं, ‘मैं इस बैठक के लिए पाकिस्तान और मंत्रालय का आभारी हूं. मैं वास्तव में सभी का आभारी हूं. मैंने अनुरोध किया था कि मैं अपनी मां और पत्नी से मिलूं.’ इधर खबर है कि वीडियो मुलाकात के पहले ही तैयार कर ली गयी थी.
* फिर अलापा जासूस राग
पाकिस्तान ने इस मुलाकात को देश के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना के जन्मदिन के मौके पर मानवीय कदम के तौर पर प्रदर्शित किया. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने ट्वीट किया, पाकिस्तान कायदे आजम मोहम्मद अली जिन्ना के जन्मदिन पर कमांडर जाधव की पत्नी और मां की उनसे मुलाकात की मानवीय कदम के तौर पर अनुमति देता है. ट्वीट में जाधव की पहचान भारत के पूर्व नौसैनिक अधिकारी के रुप में की गयी है. पाकिस्तान का दावा है कि उसके सुरक्षा बलों ने जाधव को उसके अशांत बलूचिस्तान प्रांत से गिरफ्तार किया था. पडोसी देश ने यह दावा भी किया कि जाधव ईरान से पाकिस्तान में घुसे थे. दावा किया गया कि उनके पास एक भारतीय पासपोर्ट था जिसमें उनकी पहचान हुसैन मुबारक पटेल के रुप में की गयी.
हालांकि भारत का कहना है कि जाधव को ईरान से अगवा किया गया था जहां वह भारतीय नौसेना से सेवानिवृत्त होने के बाद कारोबार के सिलसिले में थे. फैसल ने यह ट्वीट भी किया कि इस्लामी परंपराओं की रोशनी में मुलाकात तय की गयी और यह पूरी तरह मानवीय आधार पर थी.
टीवी पर दिखाए जा रहे फुटेज में जाधव की मां अवंती और पत्नी चेतनकुल, भारत के उप उच्चायुक्त जे. पी. सिंह और एक पाकिस्तानी महिला अधिकारी के साथ विदेश मंत्रालय के आगा शाही ब्लॉक में प्रवेश करते दिख रहे हैं. उनके प्रवेश के बाद दरवाजा बंद हो गया. बाद में पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने जाधव के अपनी पत्नी और मां से कांच की एक स्क्रीन के पीछे से बात करते हुए तस्वीरें जारी की हैं. उन्होंने एक इंटरकॉम के जरिये बातचीत की.
विदेश कार्यालय ने कहा कि दोपहर करीब 1:35 बजे (भारतीय समयानुसार दोपहर 2:05 बजे) बैठक शुरू हुई और करीब 40 मिनट चली. जिसके बाद सभी लोग बाहर निकले और सफेद एसयूवी वाहन में जाते दिखाई दिये.
दोनों महिलाएं आज एक व्यावसायिक उड़ान से दुबई के रास्ते इस्लामाबाद पहुंची थीं. विदेश मंत्रालय जाने से पहले उन्होंने करीब आधा घंटा भारतीय दूतावास में बिताया. जाधव का परिवार एक बार फिर कुछ देर के लिए मिशन पहुंचा और वहां दुबई के रास्ते भारत की उड़ान पकड़ने के लिए हवाईअड्डे रवाना हो गया. बैठक से पहले परिवार की सुरक्षा जांच की गयी. इस मुलाकात की सारी जानकारी पाकिस्तान विदेश मंत्रालय द्वारा जारी ट्वीट और तस्वीरों के माध्यम से दी गयी.
विदेश कार्यालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने पहले आगंतुकों की तस्वीर के साथ ट्वीट किया था, कमांडर जाधव की मां और पत्नी विदेश मंत्रालय पाकिस्तान में आराम से बैठी हैं. हम अपनी प्रतिबद्धताओं का पालन करते हैं. पाकिस्तान की ओर से मुलाकात में विदेश कार्यालय निदेशक डॉ फारिहा बुगती उपस्थित थीं.
मंत्रालय पहुंचने के बाद जाधव की मां और पत्नी ने मीडियाकर्मियों का अभिवादन नमस्ते कहकर किया लेकिन उनके सवालों का कोई जवाब नहीं दिया. उन्होंने मंत्रालय से लौटते वक्त भी संवाददाताओं से कोई बात नहीं की. हालांकि पत्रकार सवाल पूछते रहे.
जाधव की उनकी मां और पत्नी से मुलाकात के बाद फैसल ने मीडिया को जानकारी दी. यह मुलाकात राजनयिक जे पी सिंह की मौजूदगी में हुई थी. फैसल ने कहा कि यह कंसुलर एक्सेस नहीं है. फैसल ने कहा, यह मुलाकात कंसुलर एक्सेस नहीं थी क्योंकि हमने भारत को बताया था कि उसके राजनयिक मुलाकात को देखेंगे लेकिन उन्हें बोलने या इसमें भाग लेने की इजाजत नहीं दी गयी थी. उन्होंने कहा कि आगंतुकों के साथ गये जे पी सिंह को बोलने या सुनने की इजाजत नहीं थी और वह इस बारे में जानते थे.
कंसुलर संपर्क प्रदान करने के एक सवाल पर फैसल ने कहा, इस पर सारे फैसले पाकिस्तान के कानून और हितों के आधार पर लिये जाएंगे. पाकिस्तान जाधव को भारतीय कंसुलर संपर्क प्रदान करने से इस आधार पर बार बार मना करता रहा है कि जासूसी से जुड़े मामलों में ऐसा नहीं हो सकता.
फैसल ने कहा कि मुलाकात सकारात्मक रही और दोनों पक्षों ने विस्तार से बात कीं. उन्होंने कहा, यह अंतिम मुलाकात नहीं है. यह स्पष्ट रुप से समझ लेना चाहिए. अधिकारियों के मुताबिक मीडिया के सामने जाधव का वीडियो चलाया गया जो उनके परिवार से मुलाकात से पहले रिकार्ड किया गया था. जाधव ने संक्षिप्त वीडियो संदेश में कहा, मैंने अपनी मां और पत्नी से मुलाकात का अनुरोध किया था और मैं इस कदम के लिए पाकिस्तान सरकार का शुक्रगुजार हूं. जाधव उनके परिवार के पहुंचने से पहले ही मंत्रालय की इमारत में थे. यह नहीं पता कि विदेश मंत्रालय लाने से पहले उन्हें कहां रखा गया था.
टीवी फुटेज में करीब सात वाहनों के काफिले में जाधव के परिवार को शहर में आते हुए दिखाया गया. अधिकारियों के मुताबिक किसी भी अप्रिय स्थिति से बचने के लिए मंत्रालय में पुलिस और अर्द्धसैनिक बलों के जवान तैनात किये गये थे, जिनमें शार्पशूटर भी थे.
कांस्टीट्यूशन एवेन्यू जाने वाली सडकों पर यातायात बंद था, जहां विदेश मंत्रालय स्थित है. पाकिस्तान ने 20 दिसंबर को जाधव की पत्नी और मां को उनसे मिलने के लिए इस्लामाबाद आने का वीजा जारी किया था. 47 वर्षीय जाधव को अप्रैल में पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत ने जासूसी और आतंकवाद के आरोपों में मौत की सजा सुनाई थी. जिसके बाद भारत ने मई में अंतरराष्ट्रीय अदालत का रख किया था. इस मामले में मार्च या अप्रैल में एक और सुनवाई हो सकती है.
इससे पहले आज विदेश मंत्री ख्वाजा मुहम्मद आसिफ ने पाकिस्तान के एक चैनल को बताया था कि पाकिस्तान ने भारत को जाधव से कंसुलर संपर्क प्रदान किया है क्योंकि जाधव की मां और पत्नी के साथ एक भारतीय राजनयिक होंगे. भारत में अधिकारियों ने इस बयान को महत्व नहीं देते हुए कहा था कि भारतीय राजनयिक केवल जाधव के परिवार के साथ हैं और इसे कंसुलर एक्सेस नहीं कहा जा सकता.