#TripleTalaq पर सुप्रीम कोर्ट लगायी रोक, फिर भी तीन महीने में तलाक के सौ मामले सामने आये

नयी दिल्ली : आज लोकसभा में ‘ट्रिपल तलाक’ बिल पेश किया गया, बिल पर चर्चा जारी है. चर्चा शुरू करते रवि शंकर ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा ‘ट्रिपल तलाक’ को असंवैधानिक घोषित किये जाने के बाद से अबतक देश में 100 मामले सामने आ चुके हैं. अॅाल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने सांसदों […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 28, 2017 5:01 PM


नयी दिल्ली :
आज लोकसभा में ‘ट्रिपल तलाक’ बिल पेश किया गया, बिल पर चर्चा जारी है. चर्चा शुरू करते रवि शंकर ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा ‘ट्रिपल तलाक’ को असंवैधानिक घोषित किये जाने के बाद से अबतक देश में 100 मामले सामने आ चुके हैं. अॅाल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने सांसदों से आग्रह किया है कि वे इस बिल को पास करें ताकि महिलाओं को उनका हक मिल सके. हालांकि विपक्ष इस बिल के विरोध में है. इन परिस्थितियों में ध्यान देने वाली बात यह है आखिर ‘ट्रिपल तलाक’ को जब 22 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने असंवैधानिक करार दिया तो देश में कैसे तलाक होते रहे? कुछ उदाहरण देखें:-

आज 28 दिसंबर जबकि ‘ट्रिपल तलाक’ बिल संसद में पेश हुआ है उत्तर प्रदेश के रामपुर में एक महिला को उसके पति ने सिर्फ इसलिए तलाक दे दिया क्योंकि वह देर से सोकर उठी थी.
27 दिसंबर, हैदराबाद की रहने वाली गौसिया बेगम को उसके पति ने जोकि ओमान में रहता है फोन पर तलाक दे दिया.
26 दिसंबर, को उत्तर प्रदेश के लखनऊ में एक महिला को इसलिए तलाक दे दिया गया क्योंकि वह आगे पढ़ना चाहती थी. उसकी शादी काफी कम उम्र में हुई थी और उसकी पढ़ाई रूक गयी थी.
22 दिसंबर उत्तरप्रदेश के बुलंदशहर में एक महिला के साथ तीन लोगों ने गैंगरेप किया जिसमें उसका पति भी शामिल था और शादी के एक सप्ताह के बाद ही उसे तलाक दे दिया गया.
10 दिसंबर को उत्तर प्रदेश के बरेली में एक महिला को उसके पति ने सिर्फ इसलिए तलाक दे दिया था, क्योंकि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रैली में गयी थी.

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