सत्ता से हटने के कांग्रेसी नेताओं ने शुरू किया आत्मकथा का ट्रेंड, अब शीला दीक्षित लिखेंगी किताब
नयी दिल्ली : कांग्रेस भले ही पिछले तीन साल से एक के बाद एक चुनाव में अपने आधार दरकने का दंश झेल रही हो किंतु पार्टी के कई नेताओं ने इस चुनौती भरे समय का रचनात्मक उपयोग पुस्तकें लिखने में किया. अब इस कडी में नया नाम शीला दीक्षित का जुडने जा रहा है जो […]
By Prabhat Khabar Digital Desk |
December 31, 2017 3:17 PM
नयी दिल्ली : कांग्रेस भले ही पिछले तीन साल से एक के बाद एक चुनाव में अपने आधार दरकने का दंश झेल रही हो किंतु पार्टी के कई नेताओं ने इस चुनौती भरे समय का रचनात्मक उपयोग पुस्तकें लिखने में किया. अब इस कडी में नया नाम शीला दीक्षित का जुडने जा रहा है जो फिलहाल अपनी आत्मकथा लिख रही हैं.पिछले आम चुनावों में कांग्रेस के सत्ता से बाहर होने के बाद कांग्रेस के कई नेताओं की पुस्तकें आ चुकी हैं जिनमें पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी सहित पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम, सलमान खुर्शीद, शशि थरुर, जयराम रमेश, मनीष तिवारी आदि शामिल हैं.
इनमें से अधिकतर पुस्तकें आत्मकथा शैली में आयी हैं. इस कड़ी में अब दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित का नाम भी जुड़ने वाला है. उन्होंने भाषा को बताया कि वह फिलहाल आत्मकथा लिख रही हैं. हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि यह पुस्तक कब तक छपकर आयेगी. शीला ने कहा, आपको थोडी प्रतीक्षा करनी पड़ेगी. पिछले वर्ष कांग्रेस नेता आनंद शर्मा के संपादन में पुस्तक आयी रिमेम्बरिंग जवाहरलाल नेहरु, ए लाइफ डेडिकेटेड टु द नेशन-125 इयर्स . यह पुस्तक इस लिए भी महत्व रखती है कि इस पुस्तक की भूमिका तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने लिखी है.
पूर्व वित्त मंत्री एवं वरिष्ठ वकील पी चिदंबरम जाने माने स्तंभकार भी हैं. वर्ष 2016 में उनकी पुस्तक आयी थी- स्टेंडिंग गार्ड : ए ईयर इन अपोजीशन. इस वर्ष फरवरी में उनकी दूसरी पुस्तक आयी है, फियरलैस इन अपोजीशन-पावर एंड एकाउंटेबिलिटी पूर्व विदेश मंत्री एवं वरिष्ठ वकील सलमान खुर्शीद की 2014 में पुस्तक आयी एट होम इन इंडिया : द मुस्लिम सागा . वर्ष 2015 में उनकी पुस्तक आयी थी- द अदर साइड आफ माउंटेन .कांग्रेस के प्रवक्ता और पूर्व सूचना एवं प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी की इस साल आयी पुस्तक डिकोडिंग ए डिकेड : द पालीटिक्स आफ पालिसी मैकिंग ने भी सुर्खियां बटोरी. इस किताब के सुर्खियों में आने का एक कारण यह भी रहा कि इसके विमोचन के अवसर पर भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व वित्त मंत्री यशवन्त सिन्हा ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों को आड़े हाथ लिया था.
इस वर्ष पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की आत्मकथा रुपी पुस्तक द कोलिशन इयर्स आयी. इस पुस्तक में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री मुखर्जी ने 1996 से देश में शुरू हुए गठबंधन सरकारों के दौर को ध्यान में रखकर अपने अनुभवों को उकेरा.प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ टिप्पणी करने के कारण हाल में सुर्खियों में आये कांग्रेस नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री मणिशंकर अय्यर की 2015 में एक पुस्तक आयी अच्छे दिन, हा..हा . यह दरअसल मोदी सरकार केएम एल फोतेदार की दो वर्ष पहले आत्मकथा द चिनार लीव्ज : ए पालिटिकल मेमोयर्स आयी थी. फोतेदार का इस साल निध सत्ता में आने के पहले वर्ष के कामकाज के बारे में लिखे गये अय्यर के विभिन्न लेखों का संकलन है.