गृह मंत्री राजनाथ ने कहा : चीन-भारत सीमा पर सभी चौकियों को सड़कों से जोड़ा जायेगा

निलांग घाटी (उत्तराखंड) : केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को कहा कि केंद्र सरकार ने चीन-भारत सीमा पर स्थित सभी सीमा चौकियों को सड़कों से जोड़ने की विशेष परियोजना हाथ में ली है. राजनाथ ने यहां आइटीबीपी की एक अग्रिम चौकी पर अभियान संबंधी तैयारियों का जायजा लिया. उन्होंने उत्तराखंड में 11,614 फुट […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 1, 2018 9:13 PM

निलांग घाटी (उत्तराखंड) : केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को कहा कि केंद्र सरकार ने चीन-भारत सीमा पर स्थित सभी सीमा चौकियों को सड़कों से जोड़ने की विशेष परियोजना हाथ में ली है. राजनाथ ने यहां आइटीबीपी की एक अग्रिम चौकी पर अभियान संबंधी तैयारियों का जायजा लिया. उन्होंने उत्तराखंड में 11,614 फुट की ऊंचाई पर स्थित इस सीमा चौकी पर भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आइटीबीपी) के जवानों के साथ नया साल मनाया. यहां का तापमान शून्य से 20 डिग्री सेल्सियस के स्तर तक गिर गया था. पहली बार किसी गृह मंत्री या सरकार के वरिष्ठ मंत्री ने इस सीमा चौकी का दौरा किया है.

गृह मंत्री ने आइटीबीपी के महानिदेशक आरके पचनंदा की मौजूदगी में बल के अधिकारियों को अत्यधिक ऊंचाईवाली सभी चौकियों पर जवानों की तैनाती तीन महीने से कम समय में बारी-बारी से करने के तरीके खोजने को भी कहा. उन्होंने कहा कि इससे जवानों की अभियानों में शामिल होने की क्षमता में इजाफा होगा और उन्हें पहाड़ों पर होनेवाली स्वास्थ्य समस्याओं में कमी आयेगी. आइटीबीपी के अधिकारियों और जवानों को संबोधित करते हुए सिंह ने कहा, चीन-भारत सीमा पर सभी सीमा चौकियों को सड़कों से जोड़ने की परियोजना चल रही है. उन्होंने कहा कि कई सीमा चौकियों को सड़कों से जोड़ा जा चुका है और कई और को जल्द जोड़ा जायेगा.

गृह मंत्री ने कहा, मैं यहां उन हालात को देखने आया हूं जिनमें आइटीबीपी के जवान चीन-भारत सीमा की रक्षा कर रहे हैं. जवानों को नये साल की मुबारकवाद देते हुए सिंह ने ऐसी दुर्गम और कठिन चौकियों पर जवानों को बारी बारी से तैनात करने की अवधि को मौजूदा तीन महीने से कम करने के अपने विचार पर भी बात की. उन्होंने अफसरों और जवानों की तारीफ करते हुए कहा कि उनके चुनौतीपूर्ण क्षेत्र और हालात को देखते हुए उन्हें कोई भी सुविधा कम ही रहेगी.

राजनाथ ने कहा कि केंद्र सरकार ने हाल ही में फैसला किया था कि सर्दी में कम वजनवाले विशेष परिधान 9,000 फुट की ऊंचाई पर तैनात जवानों को भी प्रदान किये जायेंगे जो अभी तक 14000 फुट से अधिक ऊंचाई पर स्थित जवानों को दिये जाते हैं. उन्होंने कहा कि जवानों को स्नो स्कूटर, हर तरह के क्षेत्र में चलनेवाले वाहन (एटीवी) और पर्वतारोहण उपकरण भी प्रदान किये जा रहे हैं. चीनी घुसपैठ की घटनाओं का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि आइटीबीपी इस तरह की घटनाओं को रोकने में सफल है.

गृह मंत्री ने कहा, चीन हमारा पड़ोसी देश है और उनके साथ हमारे अच्छे रिश्ते हैं. भारत ने हमेशा अपने पड़ोसियों के साथ अच्छे संबंध रखने की कोशिश की है. चीन-भारत सीमा को लेकर पड़ोसी देश के साथ मतभेदों की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा, चीन के साथ कुछ गतिरोध रहे हैं, लेकिन पिछले कुछ समय में ऐसी कोई घटना नहीं घटी. राजनाथ ने कहा कि भारत कभी विस्तारवादी नहीं रहा और वह केवल सुरक्षा चाहता है, जैसा दुनिया का अन्य कोई भी देश चाहेगा.

उन्होंने कहा, चीन बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था है और भारत भी दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है. इसलिए जाहिर है कि ये दोनों देश आपस में टकराव नहीं चाहेंगे. आइटीबीपी के जवानों को मंडारिन भाषा सिखाये जाने के बारे में पूछे जाने पर सिंह ने कहा कि चीन के जवानों के साथ गतिरोध की स्थिति में इसकी समझ उनके लिए उपयोगी होगी.

जम्मू कश्मीर पर विशेष प्रतिनिधि की नियुक्ति और उनके साथ बातचीत में हुरियत कांफ्रेंस के शामिल होने की संभावनाओं पर सिंह ने कहा कि वार्ताकार को आजादी दी गयी है और वह अच्छा काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा, हमारा पड़ोसी पाकिस्तान अपनी गतिविधियां नहीं रोकता लेकिन हमारी सेना, सीआरपीएफ और जम्मू कश्मीर पुलिस के जवान अपना कर्तव्य बहुत अच्छी तरह निभा रहे हैं.

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