आज राज्‍यसभा में पेश होगा तीन तलाक विधेयक, विपक्ष पर टिकी सरकार की नजरें

नयी दिल्ली : मुस्लिमों में एक बार में तीन तलाक कहने के चलन को फौजदारी अपराध बनाने संबंधी विधेयक को मंगलवार को राज्यसभा में रखा जायेगा. लोकसभा में यह विधेयक पहले ही पारित हो चुका है. एक बार में तीन तलाक या तलाके बिद्दत के अपराध में पति को तीन साल की सजा के प्रावधान […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 2, 2018 8:42 AM

नयी दिल्ली : मुस्लिमों में एक बार में तीन तलाक कहने के चलन को फौजदारी अपराध बनाने संबंधी विधेयक को मंगलवार को राज्यसभा में रखा जायेगा. लोकसभा में यह विधेयक पहले ही पारित हो चुका है. एक बार में तीन तलाक या तलाके बिद्दत के अपराध में पति को तीन साल की सजा के प्रावधान वाले इस विधेयक को पिछले सप्ताह लोकसभा में पारित किया गया था.

राज्यसभा की कार्यसूची के अनुसार मुस्लिम महिला (विवाह संबंधित अधिकारों का संरक्षण) विधेयक दो जनवरी को कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद चर्चा एवं पारित कराने के लिए उच्च सदन में रखेंगे.

इस विधेयक में प्रावधान किया गया है कि तीन तलाक पीडि़त महिला अपने और अपने अल्पवय बच्चों के लिए गुजारा भत्ता पाने के मकसद से मजिस्ट्रेट से सम्पर्क कर सकती है.

पीडि़त मजिस्ट्रेट से अपने अल्पवय बच्चों के संरक्षण की मांग कर सकती है. इस प्रस्तावित कानून के अनुसार मौके पर बोला गया तलाक, भले ही वह मौखिक, लिखित अथवा ईमेल, एसएमएस और व्हाट्स एप जैसे इलेक्ट्रानिक माध्यमों से हो, वह गैरकानूनी एवं निष्प्रभावी हो जायेगा.

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इस बीच इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग ने दावा किया कि राज्यसभा में यदि यह विधेयक पारित हो जाता है तो विभिन्न मुस्लिम संगठन उच्चतम न्यायालय की शरण लेंगे. राज्यसभा में सरकार के पास बहुमत नहीं है और इस बात की भी संभावना है कि इस विधेयक को व्यापक विचार विमर्श के लिए संसदीय समित के पास भेजा जाता है.

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