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सरकार ने मेडिकल बिल स्थायी समिति को भेजा, डॉक्टरों का आंदोलन खत्म

नयीदिल्ली : राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग विधेयक 2017 (मेडिकल बिल) को आज विचारके लिए संसद की स्थायी समिति को भेज दिया गया. समिति इस बारे में अपनी रिपोर्ट बजट सत्र से पहले पेश करेगी. संसद का बजट सत्र इस महीने के अंत मेंशुरू होने की संभावना है. इस विधेयक का इंडियन मेडिकल एसोसिएशन :आइएमए: ने विरोध […]

नयीदिल्ली : राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग विधेयक 2017 (मेडिकल बिल) को आज विचारके लिए संसद की स्थायी समिति को भेज दिया गया. समिति इस बारे में अपनी रिपोर्ट बजट सत्र से पहले पेश करेगी. संसद का बजट सत्र इस महीने के अंत मेंशुरू होने की संभावना है. इस विधेयक का इंडियन मेडिकल एसोसिएशन :आइएमए: ने विरोध किया है और शून्यकाल के दौरान तृणमूल कांग्रेस के सौगत राय ने इस विषय को उठाते हुए कहा था कि इस विधेयक के विरोध में डाॅक्टर हड़ताल पर जाने की बात कह रहे हैं. भोजनावकाश के बाद लोकसभा की कार्यवाही शुरू होने पर संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने कहा कि कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, अन्नाद्रमुक, राकांपा, तेदेपा और कुछ दूसरे दलों ने राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग विधेयक को स्थायी समिति के पास भेजने के लिए कहा है. हम कहना चाहते हैं कि सरकार इसे स्थायी समिति के पास भेजने को तैयार है. विधेयक को स्थायी समिति के पास भेजे जाने के बाद डॉक्टरों ने अपना आंदोलन वापस ले लिया. डॉक्टर आज बिल के विरोध में ब्लैक डे मना रहे थे. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के पृथ्वी सांघवी ने कहा था कि केंद्र सरकार ने हमारे पास कोई विकल्प नहीं छोड़ा और आज का दिन मेडिकल प्रोफेशन के लिए ब्लैक डे है.

उन्होंने यह भी कहा कि मोदी सरकार का मकसद मेडिकल शिक्षा व्यवस्था को साफ-सुथरा करना है. इस विधेयक को जल्द पारित किए जाने की जरूरत है. ऐसे में आपसे (लोकसभा अध्यक्ष) आग्रह है कि आप स्थायी समिति से कहें कि वह अगले बजट सत्र से पहले रिपोर्ट सौंप दे ताकि विधेयक को बजट सत्र में पारित कराया जा सके.

इसके बाद अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा कि इस विधेयक को स्थायी समिति के पास भेजा जाता है और वह बजट सत्र से पहले अपनी सिफारिशें सौंप दे.

उन्होंने कहा कि आमतौर पर स्थायी समिति को तीन महीने का समय दिय जाता है, लेकिन इस विधेयक को एक प्रकार से पहले भी स्थायी समिति के पास भेजा गया था. ऐसे में समिति से बजट से पहले रिपोर्ट देने को कहा जा रहा है.

विधेयक स्थायी समिति के पास भेजने के फैसले के बाद सदस्यों ने मेज थपथपाया. इस विधेयक को पिछले सप्ताह सदन में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जेपी नड्डा ने पेश किया था जिसमें देश में चिकित्सा शिक्षा को गुणवत्तापरक बनाने और चिकित्सा सेवाओं के सभी पहलुओं में उच्च मानकों को बनाये रखने के उद्देश्य से भारतीय आयुर्विज्ञान परिषद (एमसीआइ) की जगह राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग के गठन का प्रस्ताव किया गया है.

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