महाराष्ट्र में दलितों का जश्न हिंसा में कैसे तब्दील हो गया?

मुंबई/पुणे : 200 साल पहले अंग्रेजों के साथ मिलकर दलितों ने मराठाओं को हराया था. इसी जीत का जश्न मना रहे दलितों का जश्न हिंसा में बदल गया और महाराष्ट्र के कई इलाके सुलग गये. इस घटना में एक व्यक्ति के मौत की भी खबर है. पुणे जिले में भीमा-कोरेगांव की लड़ाई में ईस्ट इंडिया […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 2, 2018 5:00 PM

मुंबई/पुणे : 200 साल पहले अंग्रेजों के साथ मिलकर दलितों ने मराठाओं को हराया था. इसी जीत का जश्न मना रहे दलितों का जश्न हिंसा में बदल गया और महाराष्ट्र के कई इलाके सुलग गये. इस घटना में एक व्यक्ति के मौत की भी खबर है. पुणे जिले में भीमा-कोरेगांव की लड़ाई में ईस्ट इंडिया कंपनी की सेना ने पेशवा की सेना को हराया था. इस लड़ाई में दलित अंग्रेजों के साथ थे.1818 में महाराष्ट्र में ब्राह्मण पेशवा के नेतृत्व वाले मराठा साम्राज्य और ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी में युद्ध हुआ था.

उस समय ब्रिटिश ईस्ट इंडिया में महार जाति के ज्यादातर सैनिक थे, ऐसे में यह समुदाय इस युद्ध में स्वयं को विजेता के रूप में देखता है. इस जश्न का विरोध कर रहे कुछ लोगों ने जबदलितों को रोकने की कोशिश की तो हिंसा भड़क उठी. सैकड़ों की तादाद में लोगों ने मुलुंद, चेम्बुर, भांडुप, विख्रोली के रमाबाई आंबेडकर नगर और कुर्ला के नेहरू नगर में ट्रेन ऑपरेशंस को रोक दिया. मुंबई के चेम्बुर इलाके में सुरक्षा बढ़ा दी गयी है. हालांकि मुंबई पुलिस के पीआरओ ने स्पष्ट किया है कि चेम्बुर या किसी अन्य इलाके में धारा 144 नहीं लगाया गया है. पुणे व अहमदनगर बस सेवा फिर से शुरू कर दी गयी है.

सीएम बोले सरकार को बदनाम करने की साजिश
बस और ट्रेन की सेवाओं को बाधित कर दिया गया था, हालांकि अब स्थिति सामान्य है. बस सेवाएं बहाल कर दी गयी हैं. अफवाहों को खारिज करते हुए मुंबई पुलिस ने कहा, कहीं भी धारा 144 लागू नहीं की गयी. सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गये हैं. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्रीदेवेंद्र फडणवीस ने कहा, सरकार को बदनाम करने की साजिश है. सरकार ने इसकी न्यायिक जांच के आदेश दे दिए हैं. मुख्यमंत्री देवेंद्र फडनवीस ने मृतक के परिजनों को 10 लाख का मुआवजा देने की घोषणा की है. सरकार को बदनाम करने की साजिश है. सीएम ने यह अपीलकी है कि अफवाहों पर ध्यान ना दें.
कैसे शुरू हुई हिंसा?

हिंसा तब शुरू हुई जब एक स्थानीय समूह और भीड़ के कुछ सदस्यों के बीच स्मारक की ओर जाने के दौरान किसी मुद्दे पर बहस हुई. भीमा कोरेगांव की सुरक्षा के लिए तैनात एक पुलिस अधिकारी ने बताया, बहस के बाद पथराव शुरू हुआ. हिंसा के दौरान कुछ वाहनों और पास में स्थित एक मकान को क्षति पहुंचायी गयी.

पुलिस ने घटना के बाद कुछ समय के लिए पुणे-अहमदनगर राजमार्ग पर यातायात रोक दिया, हालांकि बाद में परिचालन आरंभ हो गया. उन्होंने बताया कि गांव में अब हालात नियंत्रण में है. अधिकारी ने बताया, राज्य रिजर्व पुलिस बल की कंपनियों समेत और पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया है. उन्होंने बताया कि मोबाइल फोन नेटवर्क को कुछ समय के लिए अवरुद्ध कर दिया गया ताकि भड़काऊ संदेशों को फैलाने से रोका जा सके.

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