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मोदी का तीन तलाक बिल अब कांग्रेस के पाले में, आज राज्‍यसभा में होगा पेश

नयी दिल्ली : एक साथ तीन तलाक को अपराध ठहराने वाला बिल के लोकसभा में पास होने के बाद राज्यसभा में बहुमत न होने से सरकार विपक्ष को मनाने की कोशिश कर रही है. पहले बिल को मंगलवार को राज्यसभा में पेश किया जाना था, लेकिन अब इसे बुधवार को पेश किया जा सकता है. […]

नयी दिल्ली : एक साथ तीन तलाक को अपराध ठहराने वाला बिल के लोकसभा में पास होने के बाद राज्यसभा में बहुमत न होने से सरकार विपक्ष को मनाने की कोशिश कर रही है. पहले बिल को मंगलवार को राज्यसभा में पेश किया जाना था, लेकिन अब इसे बुधवार को पेश किया जा सकता है. सरकार ने कांग्रेस से अनुरोध किया कि बिल में किसी संशोधन पर जोर न दे.

संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने कहा कि सरकार चाहेगी कि कांग्रेस संशोधन पर बल नहीं देने के उसी रुख पर कायम रहे जो उसने लोकसभा में अपनाया था. धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, बिल के किसी समिति में जाने की जरूरत नहीं है, क्योंकि चर्चा हो चुकी है.

बिल को लेकर सीपीएम, सीपीआइ, डीएमके, एआइडीएमके, बीजद, सपा ने रास सभापति से मुलाकात कर बिल को सिलेक्ट कमेटी के पास भेजने की मांग की है. कांग्रेस ने अपना रुख अब तक साफ नहीं किया है. बिल में तीन साल तक की सजा पर विपक्ष को एतराज है.

राज्यसभा में एनडीए को बहुमत 2018 के अंत तक

रास में अभी एनडीए और कांग्रेस दोनों के ही पास 57-57 सीटें हैं. सरकार को बीजद और एआइएडीएमके जैसी पार्टियां मदद करती रही हैं, लेकिन इस बिल में दोनों ही विरोध कर रहे हैं. ऐसे में यह बिल स्टैंडिंग कमेटी के पास भेजा जाता है, तो सरकार इसे शीतकालीन सत्र में पारित नहीं करवा पायेगी. लेकिन साल के अंत तक भाजपा बहुमत जुटा लेगी.

इस साल चार महीने के भीतर राज्यसभा की 64 सीटों पर चुनाव होने हैं. जनवरी में दिल्ली की तीन व सिक्किम की एक सीट पर चुनाव है, वहीं पर्रीकर के इस्तीफे के बाद यूपी से खाली सीट पर उपचुनाव होगा. इन पांच में से एक सीट पर भाजपा की जीत तय है. लेकिन, अप्रैल में 16 राज्यों से 59 सीटों के लिए होनेवाले चुनाव से भाजपा को बड़ा फायदा होगा.

राज्यसभा में इतिहास, शून्यकाल व प्रश्नकाल में सभी कामकाज पूरा

राज्यसभा ने उस समय रिकॉर्ड बनाया, जब शून्यकाल में लोक महत्व के तहत जानेवाले स्वीकृत सभी विषय पूरे हुए. सभापति नायडू ने कहा कि राज्यसभा ने एक छोटा सा इतिहास रचा है. पहली बार शून्यकाल और विशेष उल्लेख के जरिये उठाये जानेवाले स्वीकृत सभी विषय पूरे हुए. सदस्यों ने स्वागत किया. नायडू ने मंत्रियों से कहा कि वे शून्यकाल के जरिये उठाये जाने मुद्दों पर गौर करें. सुझाव दिया कि मौखिक प्रश्न मेहनत से तैयार करें. सदन में मौजूद रहें.

मेडिकल बिल स्थायी समिति में, डॉक्टरों ने वापस ली हड़ताल

मेडिकल बिल को संसद की स्थायी समिति के पास भेज दिया गया है. इस खबर के आते ही इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के बैनर तले पूरे देश में जारी डॉक्टरों की हड़ताल को वापस ले लिया है. बिल के विरोध में भारतीय मेडिकल परिषद को हटाने जैसे कई ऐसे प्रावधान थे जिसका डॉक्टर विरोध कर रहे थे. बिल को आइएमएस ने ‘जन और रोगी’ करार दिया था. बिल को मंगलवार को स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने सदन में पेश किया.

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