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लोस में ओबीसी विधेयक पर हंगामा, सदन कल तक के लिए स्थगित

भाजपा सदस्यों के बीच नोकझोंक, कार्यवाही दिनभर के लिये स्थगित नई दिल्ली, तीन जनवरी (भाषा) ओबीसी आयोग को संवैधानिक दर्जा देने संबंधी विधेयक में राज्यसभा द्वारा किए गए संशोधन के स्थान पर लगाए गए वैकल्पिक संशोधनों पर आज लोकसभा में चर्चा के दौरान सत्तारुढ भाजपा और तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों के बीच तीखी नोकझोंक देखने […]

भाजपा सदस्यों के बीच नोकझोंक, कार्यवाही दिनभर के लिये स्थगित नई दिल्ली, तीन जनवरी (भाषा) ओबीसी आयोग को संवैधानिक दर्जा देने संबंधी विधेयक में राज्यसभा द्वारा किए गए संशोधन के स्थान पर लगाए गए वैकल्पिक संशोधनों पर आज लोकसभा में चर्चा के दौरान सत्तारुढ भाजपा और तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों के बीच तीखी नोकझोंक देखने को मिली.

सदस्यों के शोरशराबे के कारण कार्यवाही एक बार के स्थगन के बाद एक बजकर 35 मिनट पर दिनभर के लिये स्थगित कर दी गई. सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावर चंद गहलोत ने संविधान (123वां) संशोधन विधेयक में लाए गए वैकल्पिक संशोधनों को विचारार्थ और पारित के लिए लोकसभा में पेश किया.

इस पर चर्चा के दौरान जब तृणमूल कांग्रेस के नेता कल्याण बनर्जी कहा कि ओबीसी आयोग को संवैधानिक दर्जा देने की दिशा में उठाये गए कदम को श्रेय सरकार को नहीं जाता है, बल्कि उच्चतम न्यायालय के एक आदेश के बाद यह सब संभव हो रहा है. उन्होंने कहा कि यह अच्छी बात है कि विधेयक में यह प्रावधान किया गया कि आयोग की रिपोर्ट राज्य सरकार को भेजी जाएगी . पहले विधेयक में राज्यपाल का उल्लेख किया गया था, लेकिन अब इसके स्थान पर राज्य सरकार शब्द जोड दिया गया.
बनर्जी ने पश्चिम बंगाल में पिछडे समुदायों के लिए उठाए गए कदमों का उल्लेख कर रहे थे. इस दौरान केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कल्याण बनर्जी पर सदन को गुमराह करने का आरोप लगाया. इस पर तृणमूल और भाजपा सदस्यों के बीच नोकझोंक की स्थिति उत्पन्न हो गइ्र. कल्याण बनर्जी ने कहा कि मंत्री को यह शोभा नहीं देता कि वह चर्चा में भाग ले रहे किसी सदस्य को अवरद्ध करे. इस पर सिंह ने प्रतिवाद किया और आरोप लगाया कि तृणमूल कांग्रेस के सदस्य सदन में गलत तथ्य रख रहे हैं और गुमराह कर रहे हैं.
इस पर बनर्जी ने कहा कि आपको विपक्ष की बात सुननी पडेगी और इस तरह का आचरण ठीक नहीं है. लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने सदस्यों को शांत कराने का प्रयास किया, लेकिन हंगामा नहीं थमा. इसके बाद उन्होंने सदन की कार्यवाही एक बजकर 35 मिनट पर दिनभर के लिए स्थगित कर दी. इससे पहले, महाराष्ट्र में हिंसा के मामले पर कांग्रेस, राकांपा और माकपा के सदस्यों ने सदन से वाकआउट किया.
कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खडगे ने कहा कि इस मामले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सदन में आकर जवाब देना चाहिए. इसके बाद इन विपक्षी पार्टियों के सदस्य सदन से बाहर चले गए. आज सुबह सदन की कार्यवाही शुरु होने पर महाराष्ट्र के पुणे जिले में भीमा-कोरेगांव युद्ध की बरसी पर आयोजित कार्यक्रम के बाद राज्य में भडकी हिंसा को उकसावे का परिणाम बताते हुए कांग्रेस ने लोकसभा में आज इस घटना के लिए हिंदूवादी संगठनों और आरएसएस को जिम्मेदार ठहराया, वहीं सरकार ने इस मुद्दे पर विपक्षी दल पर हिंसा की आग को बुझाने के बजाय उसे भडकाने का आरोप लगाया.
शून्यकाल में कांग्रेस नेता मल्लकार्जुन खडगे ने अपनी बात रखी और सरकार ने इस पर अपना रुख प्रकट किया. हालंकि माकपा के सदस्यों ने इस विषय पर बोलने का मौका नहीं मिलने पर शोरशराबा किया और कांग्रेस के सदस्य प्रधानमंत्री से सदन में बयान की मांग करते हुए आसन के समीप आ गये.हंगामे के चलते अध्यक्ष ने सदन की बैठक करीब दस मिनट के लिए दोपहर 12:45 बजे तक स्थगित कर दी.

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