हाईकोर्ट ने सीबीआई से कहा, वीरेंद्र सिंह दीक्षित का पता ठिकाना बतायें

नयी दिल्ली :दिल्ली उच्च न्यायालय ने उत्तर दिल्ली के उस आश्रम के संस्थापक की हरकतों को अत्यधिक संदेहास्पद बताया जहां लड़कियों को कथित तौर पर बंधक बनाकर रखा गया था. उसने सीबीआई से यह बताने को कहा कि आश्रम का संस्थापक अब कहां है और इस बारे में रिपोर्ट मांगी. कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 4, 2018 1:52 PM


नयी दिल्ली :
दिल्ली उच्च न्यायालय ने उत्तर दिल्ली के उस आश्रम के संस्थापक की हरकतों को अत्यधिक संदेहास्पद बताया जहां लड़कियों को कथित तौर पर बंधक बनाकर रखा गया था. उसने सीबीआई से यह बताने को कहा कि आश्रम का संस्थापक अब कहां है और इस बारे में रिपोर्ट मांगी.

कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल और न्यायमूर्ति सी हरि शंकर की पीठ ने पैनल के तर्क में प्रथम दृष्टया दम पाया कि आश्रम और उसका संस्थापक वीरेंद्र देव दीक्षित वहां रहने वाली लड़कियों से उनके परिजनों के खिलाफ झूठी शिकायतें दर्ज करवाते थे.

पैनल की नियुक्ति अदालत ने ही की थी. पैनल ने कहा कि ऐसा लगता है कि परिजनों के खिलाफ शिकायतें इसलिए दर्ज करवाई जाती थीं ताकि वे आश्रम और दीक्षित के खिलाफ मामले दर्ज ना करवा सकें.

अदालत ने कहा कि वह किसी भी वास्तविक, कानून सम्मत और सच्ची धार्मिक गतिविधि में दखल नहीं देंगे लेकिन कपटी या गैरकानूनी गतिविधि को समर्थन भी नहीं देंगे. अदालत गैर सरकारी संगठन फाउंडेशन फॉर सोशल एम्पॉवरमेंट की जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी.

गौरतलब है कि दिसंबर महीने में बाबा वीरेंद्र देव दीक्षित के आध्यात्मिक विश्वविद्यालय में छापेमारी की गयी थी और 50 से ज्यादा लड़कियों को यहां से मुक्त कराया गया था. मुक्त करायी गयी लड़कियों ने बताया था कि बाबा वीरेंद्र देव दीक्षित उनका शारीरिक शोषण करता था. मामला प्रकाश में आने के बाद बाबा के कई अनुयायियों ने सामने आकर कहा है कि वह पूरी तरह से पाखंडी और ढोंगी हैं.

Next Article

Exit mobile version