ट्रिपल तलाक बिल राज्यसभा में अटका, मुसलिम महिलाओं ने कांग्रेस के खिलाफ खोला मोर्चा

नयी दिल्ली : आज संसद का शीतकालीन सत्र समाप्त हो गया, लेकिन सरकार ‘ट्रिपल तलाक’ बिल को राज्यसभा से पारित नहीं करवा पायी.अब बजट सत्र में ही इस बिल पर विचार किया जायेगा. विपक्ष ने इस बिल को पास करने की बजाय सलेक्ट कमेटी के पास भेजने की मांग रखी, जिसके कारण बिल पर सत्तापक्ष […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 5, 2018 12:51 PM


नयी दिल्ली :
आज संसद का शीतकालीन सत्र समाप्त हो गया, लेकिन सरकार ‘ट्रिपल तलाक’ बिल को राज्यसभा से पारित नहीं करवा पायी.
अब बजट सत्र में ही इस बिल पर विचार किया जायेगा. विपक्ष ने इस बिल को पास करने की बजाय सलेक्ट कमेटी के पास भेजने की मांग रखी, जिसके कारण बिल पर सत्तापक्ष और विपक्ष में गतिरोध उत्पन्न हो गया. विपक्ष खासकार कांग्रेस के इस रवैये से मुस्लिम महिलाएं बहुत नाराज है और उन्होंने आज घोषणा की है कि वे कांग्रेस का बॉयकॉट करेंगी. संसद के बाहर प्रदर्शन कर रही मुस्लिम महिलाओं की ओर से बोलते हुए फराह ने कहा कि हम कांग्रेस की निंदा करते हैं, साथ ही हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करते हैं कि वे इस बिल को संसद में लेकर आये.

राज्यसभा में इस बिल को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष आमने-सामने रहा. कल राज्यसभा में ‘ट्रिपल तलाक’ बिल को लेकर काफी हंगामा हुआ, उसी वक्त ऐसा लग रहा था कि यह बिल फंस जायेगा. आज कांग्रेस पार्टी और भाजपा ने अपने-अपने 57-57 सांसदों को राज्यसभा में उपस्थित रहने के लिए व्हिप जारी किया था. राज्यसभा की आज की कार्यवाही में इस बिल को सूचीबद्ध भी किया गया था. लेकिन दोनों पक्षों के बीच जिस तरह का गतिरोध चला, वैसे में यह बिल राज्यसभा में फंस गया.. विपक्ष बिल को सलेक्ट कमेटी के पास भेजने पर अड़ा रहा, जबकि सरकार ऐसा नहीं चाहती थी.

बिल में ‘ट्रिपल तलाक’ को आपराधिक मामला घोषित करने पर कांग्रेस को आपत्ति है, इसलिए वह बिल को सलेक्ट कमेटी के पास भेजना चाहती है. डीएमके और एनसीपी सहित पूरा विपक्ष बिल को सलेक्ट कमेटी के पास भेजने की वकालत कर रहा था, वहीं सत्ता पक्ष का कहना था कि लोकसभा में तो आपने बिल का समर्थन कर दिया, तो राज्यसभा में बिल को क्यों अटका रहे हैं, यह कांग्रेस के डबल स्टैंडर्ड को दर्शाता है.

‘ट्रिपल तलाक’ बिल पर सरकार मजबूर, सलेक्ट कमेटी के पास जाना तय, अब बजट सत्र में ही होगा निर्णय

गौरतलब है कि 22 अगस्त 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने ‘ट्रिपल तलाक’ को असंवैधानिक बताते हुए सरकार को इसकी जगह पर छह माह के अंदर नया कानून बनाने को कहा था. ऐसे में सरकार के पास अभी एक माह का समय है. संसद का बजट सत्र भी इसी माह के अंतिम सप्ताह में शुरू होगा. ऐसे में अब बजट सत्र में ही ‘ट्रिपल तलाक’ बिल का भविष्य तय होगा.

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