नयी दिल्ली : दलित नेता जिग्नेश मेवाणी ने शुक्रवार को इस बात से इनकार किया कि उन्होंने पुणे में किसी तरह का भडकाऊ भाषण दिया था. उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ उनको निशाना बना रही है. गुजरात के विधायक मेवाणी और जवाहरलाल नेहरु विश्वविद्यालय के छात्र उमर खालिद के खिलाफ 31 दिसंबर को पुणे में एक कार्यक्रम के दौरान भडकाऊ भाषण देने का मामला गुरुवार को दर्ज किया गया था.
मेवाणी ने प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में संवाददाताओं से कहा, मैंने ना ही भडकाऊ भाषण दिया था और ना ही महाराष्ट्र बंद में हिस्सा लिया था. उन्होंने कहा, भाजपा और संघ द्वारा मुझे निशाना बनाया जा रहा है. आपको बता दें कि एक कार्यक्रम में कथित भडकाऊ भाषण देने के लिए दलित नेता जिग्नेश मेवाणी और जवाहरलाल नेहरु विश्वविद्यालय के छात्र नेता उमर खालिद के खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज की गयी है.
एक अधिकारी ने गुरुवार को बताया कि दोनों पर मराठा और दलित समुदायों के बीच कथित तौर पर दरार पैदा करने और वैमनस्य फैलाने का आरोप लगाया गया है. गुजरात से हाल ही में निर्वाचित मेवाणी और खालिद ने 31 दिसंबर को शहर के शनिवारवाड़ा में भीमा कोरेगांव की लड़ाई के 200 साल होने पर आयोजित एल्गार परिषद में शिरकत की थी.
मेवाणी के कार्यक्रम को अनुमति न देना उनकी राजनीतिक ताकत को स्वीकार करने जैसा : राकांपा
राकांपा ने कहा कि गुजरात के विधायक जिग्नेश मेवाणी से संबंधित एक कार्यक्रम को अनुमति न देने का महाराष्ट्र सरकार का फैसला दलित नेता की राजनीतिक ताकत को स्वीकार करने जैसा है. पुलिस ने अखिल भारतीय छात्र समिति सम्मेलन 2018 को अनुमति देने से इनकार कर दिया जो आज एक पश्चिमी उपनगर में होना था. कार्यक्रम को मेवानी के अतिरिक्त जवाहर लाल नेहरु विश्वविद्यालय के छात्र नेता उमर खालिद द्वारा भी संबोधित किया जाना था.
पुणे के भीमा कोरेगांव में हुई हिंसा के बाद राज्य में बुधवार को हुए बंद और प्रदर्शनों के मद्देनजर कार्यक्रम की अनुमति नहीं दी गयी. राकांपा की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष सुनील तटकरे ने संवाददाताओं से कहा, यदि सरकार को लगता है कि मेवानी के भाषण से राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति बिगड़ सकती है तो यह उनकी राजनीतिक ताकत को स्वीकार करने और राज्य मशीनरी के विफल होने जैसा है.