आशुतोष ने की जेटली का बयान हिंदी में दर्ज कराने की मांग, कोर्ट ने लगाया 10 हजार जुर्माना

नयी दिल्ली : दिल्ली की एक अदालत ने आम आदमी पार्टी नेता आशुतोष के खिलाफ अरुण जेटली की ओर से दायर आपराधिक मानहानि के मुकदमे की सुनवाई पटरी से उतारने की कोशिश के आरोप में उन पर दस हजार रुपये का जुर्माना लगाया है. आशुतोष ने भाजपा नेता का बयान हिंदी में फिर से दर्ज […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 7, 2018 5:37 PM

नयी दिल्ली : दिल्ली की एक अदालत ने आम आदमी पार्टी नेता आशुतोष के खिलाफ अरुण जेटली की ओर से दायर आपराधिक मानहानि के मुकदमे की सुनवाई पटरी से उतारने की कोशिश के आरोप में उन पर दस हजार रुपये का जुर्माना लगाया है. आशुतोष ने भाजपा नेता का बयान हिंदी में फिर से दर्ज कराये जाने की मांग की थी. अदालत ने कहा कि आप नेता ने भाजपा नेता के हिंदी में बयान दर्ज कराये जाने के लिए याचिका दायर की थी, जबकि उन्हें अंग्रेजी में थोड़ी भी समस्या नहीं है.

आशुतोष की याचिका को खारिज करते हुए मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट दीपक सहरावत ने कहा कि आप नेता की याचिका सुनवाई को पटरी से उतारने का एक प्रयास और अदालत के समय की बर्बादी है. अदालत ने कहा, मौजूदा याचिका से ऐसा लगता है कि यह सुनवाई पटरी से उतारने और अदालत का समय जाया करने के सिवा और कुछ नहीं है. न तो याचिकाकर्ता ने और न ही उसके आधिवक्ता के बारे में कहा जा सकता है कि उन्हें अंग्रेजी भाषा में समस्या है. अदालत ने यह भी कहा, याचिकाकर्ता अंग्रेजी भाषा की पुस्तक अन्ना : 13 डेज दैट अवेकंड इंडिया के लेखक हैं और उन्हें अंग्रेजी में साक्षात्कार देते हुए तथा अंग्रेजी समाचार चैनलों पर देखा जा सकता है. उन्होंने कहा कि आवेदन भी अंग्रेजी में ही लिखा हुआ है.

अदालत ने कहा, यह याचिका सुनवाई में देरी करने के लिए दायर की गयी है इसलिए दस हजार रुपये का जुर्माना लगाते हुए इसे खारिज किया जाता है. मजिस्ट्रेट ने यह राशि आर्मी वेलफेयर फंड बेटल केजुअल्टीज में जमा कराने का निर्देश दिया है. आशुतोष की ओर से दायर इस याचिका का अधिवक्ताओं सिद्धार्थ लूथरा और मनोज तनेजा ने जेटली की तरफ से विरोध किया था. गौरतलब है कि जेटली ने 2015 में आशुतोष, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और अन्य आप नेताओं कुमार विश्वास, संजय सिंह, राघव चड्ढा और दीपक वाजपेयी के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मामला दायर किया था. इन नेताओं ने जेटली पर दिल्ली जिला क्रिकेट एसोसिएशन में फंड की हेराफेरी का आरोप लगाया था, जब वह 2000 से 2013 तक इसके अध्यक्ष थे.

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