पद्मावती पर राजस्थान में रार जारी, गृह मंत्री ने कहा-राज्य में फिल्म नहीं होगी रिलीज
जयपुर/नयी दिलली : शूटिंग के दौर से ही विवादों में रही ‘पद्मावती’ से ‘पद्मावत’ हुई फिल्म राजस्थान में रिलीज नहीं होगी. राजस्थान के गृह मंत्री गुलाब चंद कटारिया ने साोमवार को उदयपुर में संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे पहले ही केंद्र सरकार को विवादित फिल्म पद्मावती को राजस्थान में […]
जयपुर/नयी दिलली : शूटिंग के दौर से ही विवादों में रही ‘पद्मावती’ से ‘पद्मावत’ हुई फिल्म राजस्थान में रिलीज नहीं होगी. राजस्थान के गृह मंत्री गुलाब चंद कटारिया ने साोमवार को उदयपुर में संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे पहले ही केंद्र सरकार को विवादित फिल्म पद्मावती को राजस्थान में रिलीज नहीं करने के लिए पत्र लिख चुकी हैं.
इधर, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अशोक परनामी ने जयपुर में संवाददाताओं से कहा कि यदि फिल्म में विवादित अंश होंगे तो उसका विरोध जारी रहेगा और इसे बर्दाश्त नहीं किया जायेगा. उन्होंने कहा कि अभी तक फिल्म किसी ने देखी नहीं है. फिल्म से यदि आपत्तिजनक बातें निकाल दी गयी हैं तो विरोध क्यों, यदि राजस्थान के इतिहास के साथ छेड़छाड़ के अंश हैं तो फिल्म का विरोध जारी रहेगा.
श्रीराजपूत सभा के अध्यक्ष गिरिराज सिंह लोटवाडा ने कहा कि यह दुर्भाग्य की बात है कि सेंसर बोर्ड फिल्म की समीक्षा कर रहे पैनल की सिफारिशों पर विचार करने की बजाय फिल्म निर्माता का समर्थन करना चाहता है. लोटवाडा ने यहां संवाददाताओं को बताया कि राजस्थान में होनेवाले उपचुनावों में भाजपा को हम सबक सिखायेंगे. भाजपा को तीनों उपचुनावों की सीटों पर हराना हमारा लक्ष्य होगा.
राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेडी ने कहा कि भाजपा नेतृत्ववाली प्रदेश सरकार राजपूतों का दमन करने की कोशिश कर रही है. उन्होंने कहा कि चाहे आंनदपाल सिंह मुठभेड़ का मामला हो या पद्मावती फिल्म का मुद्दा, राजपूतों की भावनाएं आहत हुई हैं. फिल्म का नाम बदलने से तथ्य नहीं बदल सकते. हम देश में फिल्म को पर्दे पर नहीं उतरने देंगे. हम पिछले एक वर्ष से शांतिपूर्ण तरीके से विरोध प्रदर्शन कर रहें हैं और यदि 25 जनवरी को फिल्म को परदे पर उतारा गया तो सिनेमा घर ज्वाला में जलेंगे. उन्होंने कहा कि उपचुनावों में भाजपा को उचित जवाब दिया जायेगा.
वहीं, दूसरी ओर श्रीराजपूत करणी सेना के अध्यक्ष महिपाल सिंह ने कहा कि हमलोग अब तक कानून व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मामले में संज्ञान लेने की अपील करता हूं, वरना केंद्र और राज्य सरकारों को गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे. वहीं, फिल्म को सेंसर बोर्ड का प्रमाणपत्र मिल जाने के बावजूद करणी सेना द्वारा इसका विरोध जारी रखने के बीच कांग्रेस ने कहा कि फिल्म शांतिपूर्ण ढंग से रिलीज हो सके, यह राज्य सरकारों का दायित्व है. केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) ने पद्मावती फिल्म को यू/ए प्रमाणपत्र दिया है. करणी सेना के विरोध के बारे में प्रश्न किये जाने पर कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता मनीष तिवारी ने संवाददाताओं से कहा कि उच्चतम न्यायालय ने एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा था कि एक बार जब सीबीएफसी प्रमाणपत्र दे देता है तो राज्य सरकार का यह उत्तरदायित्व होता है कि कानून व्यवस्था की स्थिति को समान्य बनाये ताकि फिल्म के रिलीज में कोई बाधा उत्पन्न न हो. यह उनकी संवैधानिक जिम्मेदारी है.