नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज नयी दिल्ली में भारतीय मूल के सांसदों के पहले सम्मेलन को संबोधित किया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत के विकास के लिए हम प्रवासी भारतीयों को अपना पार्टनर बना रहे हैं. उन्होंने कहा कि देश के विकास के लिए नीति आयोग ने जो नीति बनायी है उसमें प्रवासी भारतीयों के लिए विशेष व्यवस्था की गयी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हम विदेश में रह रहे प्रवासियोंके भारतीय अर्थव्यवस्था में योगदान के लिए कर्जदार हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमारी न किसीकेसंसाधन के दोहन की मंशा है, न किसी की सीमा पर हमारी नजर है. हमारा फोकस कैपिसिटी बिल्डिंग व रिसोर्स डेवलप करने पर रहा है.
निवेश व टूरिज्म में निभायें भूमिका
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अर्थव्यवस्था को आगे ले जाने के लिए निवेश जरूरी है और इस निवेश को आगे बढ़ाने में प्रवासी भारतीयों का बड़ा योगदान है. उन्होंने कहा कि आप अपने समाज में निवेश व टूरिज्म को बढ़ावा देने में योगदान निभा सकते हैं.नरेंद्रमोदीने कहा कि दुनिया की कई कंपनियों के सीइओ, लीडर भारतीय मूल के हैं. वे भारत की अर्थव्यवस्था को समझते हैं और उनके योगदान के लिए हम उनके आभारी है. उन्होंने कहा कि विदेश में बसा भारतीय भारत के विकास में स्टेक होल्डर बनाना चाहता है. आपका अनुभव भारत के लिए मददगार हो सके, इसके लिए हम प्रयासरत हैं.. उन्होंने कहा कि आज भारत में दो गुणे से अधिक स्पीड से नयी रेल लाइन बिछाई जा रही है.
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हम दुनिया का मार्गदर्शन कर सकते हैं
दुनिया में अस्थिरता से भरे माहौल में भारत पूरे विश्व का मार्गदर्शन कर सकता है. उन्होंने कहा कि विश्व को हम सबका साथ सबका विकास का नारा दे सकते हैं. उन्होंने कहा विश्व में जहां अतिवादवआतंकवाद का खतरा महसूस किया जा रहा है, वहां हम सर्वधर्म संभाव का नारा दे सकते हैं. उन्होंने कहा कि गांधीजी की विचारधारा से किसी भी मामले को सुलझाया जा सकता है. उन्होंने कहा कि वे आज भी प्रासंगिक हैं. उन्होंने कहा कि न्यू इंडिया के बारे में हम आपको बताना चाहते हैं, आपसे जुड़ना चाहते हैं. आपकी विकास यात्रा में अहम हिस्सेदार बनना चाहता हैं.
किसी के संसाधन व सीमा पर हमारी नजर नहीं
21वीं सदी को एशिया की सदी कहा जा रहा है,इसमें भारत की भूमिका है. भारत की अर्थव्यवस्था, बढ़ती ताकत को देखते हुए आपकसिर गर्व से ऊंचा होगा और आप और अधिक परिश्रम करेंगे. उन्होंने कहा कि हम विश्व नीतियों को लाभ हानि से नहीं मानवीय मूल्य के नजर से देखते हैं. हमारी न किसीकेसंसाधन के दोहन की मंशा है, न किसी की सीमा पर हमारी नजर है. हमारा फोकस कैपिसिटी बिल्डिंग व रिसोर्स डेवलप करने पर रहा है.
उन्होंने कहा कि भारत पूरे विश्व में सुख, भाईचारे एवं शांति का प्रतीक रहा है. भारत दुनिया में शांति, प्रगति के लिए योगदान करता रहे यही हमारा प्रयास है.
आप जब अगली बार भारत आयें तो यह सोचकर आयें कि प्रयाग के दर्शन का मौका मिल जाये. आप अपने देश में इसके बारे में बतायेंगे तो वे भी इस धरोहर का दर्शन करने आयेंगे.
इस सम्मेलन में 124 सांसद एवं 17 मेयर भाग ले रहे हैं. सम्मेलन में अमरीका, कनाडा, ब्रिटेन, दक्षिण अफ्रीका, फिजी, केन्या, न्यूजीलैंड और श्रीलंका सहित कई देश के प्रतिनिधि शामिल होंगे. सम्मेलन में भाग लेने के लिए गुयाना से 20 सांसदों व तीन मेयरों का सबसे बड़ा दल आ रहा है.