नयी दिल्ली : नरेंद्र मोदी मंत्रिमंडल ने एकल ब्रांड खुदरा कारोबार सहित विभिन्न क्षेत्रों के लिये प्रत्यक्ष विदेशी निवेश नीति में राहत के प्रस्ताव को मंजूरी दी. सिंगल ब्रांड रिटेल व विमानन सेक्टर में सरकार 100 फीसदी विदेशी निवेश (एफडीआई) की अनुमति मिल गयी है. इसके साथ ही एविएशन सेक्टर में भी एफडीआई को बढ़ाये जाने की खबर है. बुधवार को हुई कैबिनेट की बैठक में कई सेक्टर में विदेशी निवेश के नियम आसान किये गये हैं.
मौजूदा नियम के अनुसार किसी भी सेक्टर में 49 फीसदी से ज्यादा एफडीआई के लिए अलग से मंजूरी लेनी पड़ती है. 23 जनवरी को दाओस में विश्व व्यापार मंच की बैठक है, जिसमें शामिल होने पीएम मोदी जायेंगे और विदेशी निवेशकों को भारत में निवेश के लिए आमंत्रित करेंगे.
सूत्रों के अनुसार, इस अहम बैठक में शामिल होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी सरकार के नीतिगत फैसलों के जरिये निवेशकों को निवेश अनुकूल माहौल का ठोस संदेश देना चाहते हैं.
100% FDI under automatic route for single brand retail trading approved by Union Cabinet,100% FDI under automatic route in construction development also approved
— ANI (@ANI) January 10, 2018
सूत्रों के अनुसार निवेश में अड़चन वाले नियमों में ढील संभव है. कंस्ट्रक्शन में एफडीआई के नियम आसान हो सकते हैं. कुल 6 सेक्टर्स में एफडीआई के नियमों आसान हो जायेंगे. एयरलाइंस में भी 100 फीसदी एफडीआई नियमों में बदलाव संभव है. इस सेक्टर में विदेशी निवेशकों को मैनेजमेंट कंट्रोल भी मिल सकेगा. बता दें कि अभी मैनजमेंट कंट्रोल विदेशी हाथों में नहीं जा सकता है.
आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहली बार स्विट्जरलैंड के दावोस में विश्व आर्थिक मंच के वार्षिक सम्मेलन में भाग लेंगे, जहां वह सम्मेलन के पहले पूर्ण अधिवेशन को संबोधित करेंगे. मोदी पांच दिन के इस सम्मेलन में वैश्विक निवेशकों को भारत में निवेश के विशाल अवसरों की ओर आकर्षित करने के साथ-साथ अपनी सरकार के नीतियों और कार्यक्रमों की भी जानकारी देंगे. पांच दिन चलने वाला सम्मेलन 22 जनवरी को शुरू होगा.
संवाददाताओं को संबोधित करते हुए वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा कि प्रधानमंत्री वैश्विक नेताओं के साथ बातचीत करेंगे और उन्हें भारत में हो रही प्रगति के बारे में बतायेंगे. प्रभु ने कहा कि वह ऐसे समय दावोस जा रहे हैं जब हर देश भारत में निवेश करना चाहता है.
उन्होंने कहा कि यह दुनिया का ऐसा सम्मेलन है जिसमें शीर्ष उद्योगपतियों तथा बैंकर मौजूद होते हैं. यह (दावोस) एक केंद्र बन गया है जहां निर्णय लेने वाले एकत्रित होते हैं. ऐसे में जब प्रधानमंत्री वहां जाते हैं, आप इसकी चर्चा देखेंगे. इससे निश्चित रूप से भारत को निवेश प्राप्त करने तथा उसकी वास्तविक तस्वीर को पेश करने में मदद मिलेगी.