मुंबर्इ सीरियल धमाके के मुख्य आरोपी अबु सलेम को झटका, सुप्रीम कोर्ट ने टाडा हटाने से किया इनकार
नयी दिल्ली : आजीवन कारावास की सजा भुगत रहे 1993 के मुंबई सीरियल बम धमाके के मुख्य आरोपी अबू सलेम को सुप्रीम कोर्ट से करारा झटका लगा है. सुप्रीम कोर्ट ने अबू सलेम पर टाडा हटाये जाने से इंकार कर दिया है. इसके साथ ही, शीर्ष अदालत ने हत्या के आरोप से जुड़े सभी बिंदुओं […]
नयी दिल्ली : आजीवन कारावास की सजा भुगत रहे 1993 के मुंबई सीरियल बम धमाके के मुख्य आरोपी अबू सलेम को सुप्रीम कोर्ट से करारा झटका लगा है. सुप्रीम कोर्ट ने अबू सलेम पर टाडा हटाये जाने से इंकार कर दिया है. इसके साथ ही, शीर्ष अदालत ने हत्या के आरोप से जुड़े सभी बिंदुओं को उठाने को कहा है.
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मुंबई बम धमाका मामले में सलेम को आजीवन कारावास की सजा सुनायी गयी है. उसने इस फैसले के खिलाफ साल 2012 में सुप्रीम कोर्ट में अपील कि थी और कहा था कि पुर्तगाल के साथ हुई संधि के अनुसार उसके ऊपर टाडा और धारा 302 के तहत मुकदमा नहीं चलाया जा सकता. साल 2005 में प्रत्यर्पण संधि के शर्तों के मुताबिक सलेम को मौत की सजा नहीं दी जा सकती, जबकि 25 साल जेल या ज्यादा की सजा हो सकती है.
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सितंबर 2017 में गैंगस्टर अबु सलेम को 1993 के मुंबई सीरियल बम धमाका मामले में उम्र कैद की सजा सुनाते हुए अदालत ने कहा था कि सजा पर अमल कैसे हो, यह केंद्र सरकार को तय करना है. टाडा अदालत के न्यायाधीश जीए सनप ने कहा था कि न्यायपालिका और कार्यपालिका की भूमिकाएं संविधान द्वारा अलग की गयी हैं. सजा सुनाना और उसकी तामील करना अलग-अलग पहलू हैं.
न्यायाधीश ने कहा था कि एक बार जब अदालत द्वारा सजा सुना दी जाती है, तो फिर उसका कार्यान्वयन कार्यपालिका के अधिकार क्षेत्र में आ जाता है. न्यायाधीश ने अपनी व्यवस्था में कहा था कि केंद्र सरकार, पुर्तगाल में दिये गये आश्वासन के तहत सजा की तामील को लेकर अपने विवेक से अपने अधिकार का इस्तेमाल करने के लिए स्वतंत्र होगी.