17.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

”हम दो हमारे दो” का सपना अभी भी अधूरा, लेकिन कम हुई है जन्मदर, मुसलमानों में अभी भी सबसे ज्यादा

नयी दिल्ली : हिंदू और मुस्लिमों को छोड़कर देश में रहने वाले अन्य समुदायों की बात करें तो उनमें बच्चे पैदा करने की दर में खासी कमी दर्ज की गयी है. यही नहीं , यह स्तर रिप्लेसमेंट लेवल से भी कम हो चुका है. इसका मतलब यह है कि यदि बच्चे इस रफ्तार से पैदा […]

नयी दिल्ली : हिंदू और मुस्लिमों को छोड़कर देश में रहने वाले अन्य समुदायों की बात करें तो उनमें बच्चे पैदा करने की दर में खासी कमी दर्ज की गयी है. यही नहीं , यह स्तर रिप्लेसमेंट लेवल से भी कम हो चुका है. इसका मतलब यह है कि यदि बच्चे इस रफ्तार से पैदा हुए तो भविष्य में समुदाय की आबादी मौजूदा संख्या से भी कम रह जाएगी. हिंदुओं और मुस्लिमों में भी फर्टिलिटी रेट में गिरावट आयी है, लेकिन अब भी ‘हम दो हमारे दो’ के आंकड़े से यह ज्यादा है.

साल 2015-16 की बात करें तो इस वर्ष हुए नैशनल फैमिली हेल्थ सर्वे के अनुसार हिंदुओं में बच्चे पैदा करने की दर 2.1 पर आ चुकी है, जबकि 2004-05 में यह आंकड़ा 2.8 का था. पिछले आंकडों पर नजर डालें तो यह बड़ी गिरावट है. मुस्लिमों में बच्चे पैदा करने की दर अब भी देश के अन्य समुदायों के मुकाबले ज्यादा है. मुस्लिम समाज में प्रति परिवार यह आंकड़ा 2.6 है. हालांकि 2004-05 के आंकड़ों पर नजर डालें तो यह 3.4 थी जिसे वर्तमान की तुलना में बड़ी गिरावट कही जा सकती है.

कैसे हुआ खुलासा
2015-16 में नैशनल फैमिली हेल्थ सर्वे का धार्मिक आधार पर डेटा निकाला गया जिसके बाद यह खुलासा हुआ है. देश में सबसे कम फर्टिलिटी रेट 1.2 जैन समाज का बताया गया है. देश में शिक्षा के स्तर के मामले में भी जैन समाज के लोग सबसे आगे हैं. इसके बाद सिखों में बच्चे पैदा करने की दर 1.6 है जबकि बौद्धों और नव-बौद्धों में 1.7 और ईसाइयों में 2 है. भारत के कुल फर्टिलिटी रेट की बात करें तो यह 2.2 है.

गरीबी और बच्चे

यदि आर्थिक आधार पर विश्लेषण की बात करें तो न्यूनतम आय वर्ग वाले परिवारों में बच्चों की दर सबसे ज्यादा 3.2 है, वहीं सबसे उच्च आय वर्ग लोगों में यह आंकड़ा सबसे कम 1.5 दर्ज किया गया है. सामाजिक आधार पर आंकड़ों का विश्लेषण करें तो सबसे पिछड़े जनजातीय समाज में फर्टिलिटी रेट 2.5 है, जबकि अनुसूचित जाति में यह 2.3 है. पिछड़े वर्ग का आंकड़ा 2.2 है. सवर्ण जातियों में इस आंकडे की बात करें तो यह सबसे कम 1.9 है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें