चीफ जस्टिस को लिखे गये पत्र में क्या है खास, जानें

सुप्रीम कोर्ट के चार जज ने आज जिस प्रकार चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा पर मनमानी करने और अनियमितता बरतने का आरोप लगाया है, पूरे देश में हड़कंप मच गया है. इन जजों का आरोप है कि सुप्रीम कोर्ट की प्रशासनिक व्यवस्था में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है, हमने इस संबंध में चीफ जस्टिस से […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 12, 2018 4:00 PM

सुप्रीम कोर्ट के चार जज ने आज जिस प्रकार चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा पर मनमानी करने और अनियमितता बरतने का आरोप लगाया है, पूरे देश में हड़कंप मच गया है. इन जजों का आरोप है कि सुप्रीम कोर्ट की प्रशासनिक व्यवस्था में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है, हमने इस संबंध में चीफ जस्टिस से बात की और उन्हें समझाने का प्रयास किया, लेकिन हम ऐसा नहीं कर पाये. जिसके बाद मजबूर होकर हमें मीडिया के सामने आना पड़ा है. इन जजों ने सात पेज का एक पत्र भी मीडिया में जारी किया, जो उन्होंने चीफ जस्टिस को लिखा था. मीडिया के सामने जजों ने कहा कि न्यायपालिका को बचाना जरूरी है अन्यथा देश में लोकतंत्र खत्म हो जायेगा. चीफ जस्टिस को जो पत्र लिखा गया, उसमें क्या लिखा गया है, यह जानने की उत्सुकता हर किसी को है, तो जानें पत्र की खास बातें:-

पत्र में लिखा गया है कि चीफ जस्टिस लीक से हटकर चल रहे हैं और परंपराओं का पालन नहीं कर रहे हैं. वे सामूहिक निर्णय लेने से बचते हैं.
चीफ जस्टिस मनमानी करते हैं और केसों के बंटवारे में नियमों का पालन नहीं करते हैं और अपने पसंद के बेंच को केस सौंप देते हैं. इसे संस्थान की छवि बिगड़ी है.
कुछ मामलों का उदाहरण देते हुए कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम ने उतराखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस केएम जोसफ और सुप्रीम कोर्ट की वरिष्ठ वकील इंदु मल्होत्रा को सुप्रीम कोर्ट में जज नियुक्त करने की सिफारिश भेजी है.

पत्र में यह भी कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट में तय 31 पदों में से फिलहाल 25 जज हैं, यानी जजों के 6 पद खाली हैं.

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