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असम के पूर्व मुख्यमंत्री के बेटे हैं जस्टिस रंजन गगोई

सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस से मतभेद के बाद चार वरिष्ठ जजों ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस कर देश में भूचाल ला दिया. जस्टिस चेलामेश्वर की अगुवाई में जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस मदन लोकुर और जस्टिस कुरियन जोसेफ ने जस्टिस चेलामेश्वर के आवास पर मीडिया को संबोधित किया. ये चार जज जज सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठतम […]

सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस से मतभेद के बाद चार वरिष्ठ जजों ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस कर देश में भूचाल ला दिया. जस्टिस चेलामेश्वर की अगुवाई में जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस मदन लोकुर और जस्टिस कुरियन जोसेफ ने जस्टिस चेलामेश्वर के आवास पर मीडिया को संबोधित किया. ये चार जज जज सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठतम जज है. चार जजों में रंजन गगोई भी शामिल हैं.न्यायपालिका में इतने बड़े पद पर पहुंचनेवाले वह पूर्वोत्तर भारत के पहले नागरिक हैं. साल 2012 को वह सुप्रीम कोर्ट के जज बने.

बड़ी बात यह है कि जस्टिस रंजन गगोई के पिता केशव चंद्र गगोई के मुख्यमंत्री रह चुके थे. जस्टिस रंजन गोगोई उस बेंच में शामिल रहे हैं जिन्होंने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश मार्कंडेय काटजू को सौम्या मर्डर केस पर ब्लॉग लिखने के संबंध में निजी तौर पर अदालत में पेश होने के लिए कहा था. सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठतम जजों में शामिल हैं, और वरिष्ठता के आधार पर अक्टूबर, 2018 में वह देश की सबसे बड़ी अदालत में जस्टिस दीपक मिश्रा के रिटायर होने के बाद मुख्य न्यायाधीश बनने की कतार में हैं

मूलरूप से असम के गुवाहाटी के रहने वाले रंजन गगोई को 2001 में गुवाहाटी कोर्ट का स्थायी जज बने थे. उसके बाद गगोई का स्थानंतरण पंजाब व हरियाणा कोर्ट कर दिया गया. 2011 में जस्टिस गगोई पंजाब व हरियाणा कोर्ट के चीफ जस्टिस बनाये गये. 23 अप्रैल 2012 को रंजन गगोई सुप्रीम कोर्ट के जज बने.

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