नयी दिल्ली:सुप्रीमकोर्ट का कामकाज दूसरे दिनों की तरह ही सुबह साढ़े10 बजे शुरू हुआ. कुछ भी अलग नहीं था. हमेशा की तरह वहां जज, वकील, याचिकाकर्ता और संवाददाता अपने-अपने काम में लगे थे. एक घंटे बाद ही सब कुछ बदल गया. एक ऐसा घटनाक्रम हुआ, जिससे देश हैरान रह गया. न्यायपालिका एक अप्रत्याशित संकट से घिर गयी. दिन में करीब साढ़े 11 बजेजस्टिस जे चेलामेश्वर औरजस्टिस कुरियन जोसेफ अपने-अपने अदालत कक्षों से निकले.
इस बीच, जस्टिस रंजन गोगोई ने भी दिन का अपना अधिकतर कामकाज पूरा किया, जबकिजस्टिस मदन बी लोकुर ने अपने चैंबर में सुनवाई की. चारोंजज मिनटों में सुप्रीम कोर्ट परिसर से निकले और लुटियंस इलाके में स्थित चार, तुगलक रोड बंगले पर अचानक प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस बंगले में जस्टिस चेलामेश्वर रहते हैं. यह एक अप्रत्याशित घटना थी, क्योंकि अब तक सुप्रीम कोर्ट के किसी भी जज ने मीडिया को सार्वजनिक रूप से संबोधित नहीं किया था.
उनके एकाएक अदालत परिसर से निकलने की खबर सुप्रीम कोर्ट के गलियारे में आग की तरह फैल गयी और पत्रकार, वकील एवं याचिकाकर्ता सब स्तब्ध रह गये. वहां मौजूद संवाददाताओं के लिए करीब चार किलोमीटर की दूरी पर संवाददाता सम्मेलन में तुरंत पहुंचना भी चुनौती था. शेखर गुप्ता जैसे वरिष्ठ पत्रकार औरसंयुक्तप्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) के कार्यकाल में अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल रहीं वरिष्ठ वकील इंदिरा जयसिंह उन लोगों में से थे, जो संवाददाता सम्मेलन शुरू होने से ठीक पहले वहां पहुंच गये.
मीडिया को करीब सात-आठ मिनट संबोधित करने के बाद जजों ने कुछ महत्वपूर्ण सवालों के जवाब देने से इन्कार कर दिये. मसलन: क्या वे चाहते हैं कि चीफ जस्टिस पर महाभियोग चले. इस पर उन्होंने कहा कि वे राजनीति नहीं कर रहे हैं और पत्रकारों से कहा कि वे अपने जवाब उनके मुंह से कहलवाने की कोशिश न करें.
माकपा नेता डी राजा बाद में न्यायमूर्ति चेलामेश्वर के घर गये और कुछ सूत्रों ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के कुछ और जज भी वहां पहुंचे. इसके बाद खबर फैली कि अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल चीफ जस्टिस के साथ बैठक कर रहे हैं. एक ट्वीट भी फैला कि दोनों एक संवाददाता सम्मेलन करेंगे, जो कि नहीं हुआ. इस बैठक को कवर करने के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंचे पत्रकारों कोकोर्ट का कामकाज (शाम चार बजे तक) खत्म होने तक लंबा इंतजार करना पड़ा, जो व्यर्थ गया.
पूर्व चीफ जस्टिस केजी बालकृष्णन, वरिष्ठ वकील केटीएस तुलसी, पूर्व जज आरएस सोढ़ी और अन्य ने घटनाक्रम को हैरान करने वाला और अप्रत्याशित बताया.