कार्ति के ठिकानों पर इडी की छापे पर चिदंबरम ने ली दिलचस्प चुटकी, कानून भी बताया
नयी दिल्ली: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने उनके पुत्र के खिलाफ इडी के छापों को आज हास्यास्पद बताया और दावा किया कि अधिकारी ‘‘शर्मसार’ एवं खेद की मुद्रा में थे क्योंकि उन्हें कुछ नहीं मिला. प्रवर्तन निदेशालय ने एयरसेल-मैक्सिस मामले में धन शोधन के आरोपों पर चिदंबरम के पुत्र कार्ति से जुड़े विभिन्न […]
नयी दिल्ली: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने उनके पुत्र के खिलाफ इडी के छापों को आज हास्यास्पद बताया और दावा किया कि अधिकारी ‘‘शर्मसार’ एवं खेद की मुद्रा में थे क्योंकि उन्हें कुछ नहीं मिला. प्रवर्तन निदेशालय ने एयरसेल-मैक्सिस मामले में धन शोधन के आरोपों पर चिदंबरम के पुत्र कार्ति से जुड़े विभिन्न ठिकानों पर आज सुबह साढ़े दिन घंटे छापे मारे और कांग्रेसकेवरिष्ठ नेता व पूर्व वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने यह टिप्पणी उसी मामले में की है.
पी चिदंबरम ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘उन्होंने चेन्नई परिसर की जांच की है किंतु त्रुटियों के कारण उत्पन्न हास्य (वाले मामले की तरह) में वे जोरबाग में मेरे परिसर की जांच करने चले आये. अधिकारियों ने मुझे बताया कि उनका मानना था कि कार्ति मकान में रहता है. मैंने उन्हें बताया कि वह चेन्नई में रहता है और मैं इस मकान में रहने वाला हूं.’ उन्होंने कहा, ‘‘चूंकि उनके पास तलाशी वारंट था, मैंने तलाशी पर कोई आपत्ति नहीं की किंतु मैंने कहा कि मैं अपनी आपत्ति दर्ज करवाऊंगा कि सीबीआइ सहित किसी भी जांच एजेंसी द्वारा किसी निर्धारित अपराध के लिए प्राथमिकी दर्ज नहीं की गयी.’ उन्होंने कहा, ‘‘निश्चित तौर पर अपराध से कुछ हासिल नहीं था और इडी के पास धन शोधन निरोधक कानून (पीएमएलए) में कोई अधिकार क्षेत्र नहीं है.’
पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि इडी अधिकारियों ने रसोईघर और बाथरूम सहित सभी जगहों की तलाशी ली और उन्हें कुछ नहीं मिला. वे शर्मसार और खेद की मुद्र में है कि क्योंकि उन्होंने पाया कि मैं यहां रहता हूं तथा उनके पास तलाशी पूरी करने के अलावा और कोई चारा नहीं था. उन्होंने कहा, ‘‘चूंकि उन्हें तलाशी को जायज ठहराना था इसलिए उन्होंने सरकार द्वारा 2012-13 में संसद में दिये गये बयान से संबंधित दस्तावेजों को पृष्ठभूमि बनाया.’ कांग्रेस नेता ने कटाक्ष करते हुए कहा, ‘यदि उन्हें भविष्य में कुछ मिला तो मैं उन्हें बधाई दूंगा.’ इडी का मामला तत्कालीन वित्त मंत्री पी चिदंबरम द्वारा 2006 में विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड की ओर से दी गयी मंजूरी के संबंध में है.