मकर संक्रांति 14 जनवरी को है या 15 जनवरी को? जानें…!
मकर संक्रांति 14 जनवरी को है या 15 जनवरी को? हर साल की तरह इस बार भी यह सवाल आ खड़ा हुआ है. जानकारों की मानें, तो मकर संक्रांति के दिन सूर्य उत्तरायण होता है. इसका मतलब यह हुआ कि पृथ्वी का उत्तरी गोलार्द्ध सूर्य की ओर मुड़ जाता है. इस दिन सूर्य मकर राशि […]
मकर संक्रांति 14 जनवरी को है या 15 जनवरी को? हर साल की तरह इस बार भी यह सवाल आ खड़ा हुआ है.
जानकारों की मानें, तो मकर संक्रांति के दिन सूर्य उत्तरायण होता है. इसका मतलब यह हुआ कि पृथ्वी का उत्तरी गोलार्द्ध सूर्य की ओर मुड़ जाता है. इस दिन सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है.
शास्त्रों के अनुसार, उत्तरायण के समय को देवताओं का दिन और दक्षिणायन को देवताओं की रात कहा गया है. इस तरह मकर संक्रांति एक तरह से देवताओं की सुबह मानी जाती है.
ऐसी मान्यता है कि मकर संक्रांतिकेदिन खरमास समाप्त होता है. बतातेचलें कि खरमास में कोई भी मांगलिक काम नहीं किया जाता है, लेकिन इनके खत्म होते ही तमाम शुभ काम का योग शुरू होता है.
लगभग 80 साल पहले के पांचांगों के अनुसार, मकर संक्रांति 12 या 13 जनवरी को मनायी जाती थी, लेकिन अब विषुवतों के अग्रगमन के चलते इसे 13 या 14 जनवरी को मनाया जाता है. इस साल मकर संक्रांति 14 जनवरी और 15 जनवरी, दोनों दिन पड़ रहा है.
प्रकृति से जुड़ा यह त्योहार देशभर में अलग-अलग नामों से और अलग-अलग तरीकों से मनाया जाता है. फसल कटने पर सब जगह सूर्य की उपासना कर उन्हें धन्यवाद दिया जाता है.
मकर संक्रांति के दिन स्नान, दान, जपऔर तप का बहुत महत्व है. शास्त्रानुसार, इस दिन किया गया दान सौ गुना होकर वापस फलीभूत होता है. मकर संक्रांति के दिन घी, तिल, गुड़, कंबल, खिचड़ी दान का विशेष महत्व है.
संक्रांति में सूर्य के मकर राशि में प्रवेश का असर हर राशि पर अलग होता है, अत: इस दिन राशि अनुसार दान करने की महिमा अधिक बतायी गयी है.
मकर संक्रांति पर तिल और गुड़ का प्रसाद भी बांटा जाता है. कई जगहों पर पतंगें उड़ाने की भी परंपरा है.
एक जगह से दूसरी जगह जाने अथवा एक-दूसरे का मिलना संक्रांति कहलाता है. ऐसे ही, सूर्य के एक राशि से दूसरी राशि में जाने को संक्रांति कहते हैं. एक संक्रांति से दूसरी संक्रांति के बीच का समय सौर मास कहलाता है. ऐसे तो साल भर में कुल 12 सूर्य संक्रांति होती हैं, लेकिन इनमें से मेष, कर्क, तुला और मकर संक्रांति प्रमुख हैं.
ज्योतिष शास्त्र के जानकारों की मानें, तो मकर संक्रांति का विशेष पुण्यकाल 14 जनवरी 2018 को रात 8 बजकर 8 मिनट से 15 जनवरी 2018 को दिन के 12 बजकर10 मिनट तक रहेगा. साल 2018, विक्रम संवत 2074 में संक्रांति का वाहन महिष और उपवाहन ऊंट रहेगा.