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मोदी को गुजरात पुलिस ने दिया क्‍लीन चिट, प्रतिबंधित क्षेत्र के बाहर दिया था भाषण

अहमदाबाद : भाजपा के प्रधानमंत्री पद के प्रत्याशी नरेन्द्र मोदी के खिलाफ चुनाव कानूनों का उल्लंघन कर मतदान केंद्र के बाहर भाषण देने और पार्टी का चुनाव चिन्ह दिखाने के कारण मामला दर्ज होने के एक दिन बाद गुजरात पुलिस ने प्रारंभिक जांच में पाया गया कि उन्होंने लोगों की भीड को 100 मीटर के […]

अहमदाबाद : भाजपा के प्रधानमंत्री पद के प्रत्याशी नरेन्द्र मोदी के खिलाफ चुनाव कानूनों का उल्लंघन कर मतदान केंद्र के बाहर भाषण देने और पार्टी का चुनाव चिन्ह दिखाने के कारण मामला दर्ज होने के एक दिन बाद गुजरात पुलिस ने प्रारंभिक जांच में पाया गया कि उन्होंने लोगों की भीड को 100 मीटर के प्रतिबंधित दायरे से बाहर संबोधित किया था.

अहमदाबाद पुलिस की अपराध शाखा अन्वेषण ने इस मामले की जांच शुरु कर दी. शाखा के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, किसी भी अन्य मामले की तरह हम इस मामले की जांच करके इस तथ्य का पता लगायेंगे कि क्या मोदी मतदान केंद्र के 100 मीटर के दायरे के भीतर थे.

उन्होंने कहा, हमारी प्रारंभिक जांच से खुलासा हुआ है कि अधिकारियों ने मतदान केंद्र के बाहर सफेद पट्टी खींच कर यह सीमा बना रखी थी तथा संवाददाता सम्मेलन उस सीमा से बाहर हुआ था. चुनाव आदर्श आचार संहिता के तहत मतदान केंद्रों के 100 मीटर के दायरे में प्रचार करने पर प्रतिबंध है.

मोदी के खिलाफ चुनाव आयोग के निर्देश पर कल जन प्रतिनिधित्व कानून की धारा 126:1::ए: के तहत प्राथमिकी दर्ज की गयी. यह मामला मतदान केंद्र पर सभा करने के कारण दर्ज किया गया. प्रावधान के तहत मतदान समाप्त होने के निर्धारित घंटे के 48 घटे तक जनसभा करने पर रोक लगायी गयी है. उन टीवी चैनलों के खिलाफ जन प्रतिनिधित्व कानून की धारा 126 :1::बी: के तहत असंज्ञेय शिकायत दर्ज की गयी है जिन्होंने इस संवाददाता सम्मेलन का प्रसारण किया.

अधिकारी ने बताया, मोदी के खिलाफ केवल एक प्राथमिकी जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा 126 :1::ए:, भारतीय दंड संहिता की धारा 188 और अपराध प्रक्रिया संहिता की धारा 144 का उल्लंघन करने के कारण दर्ज की गयी है. धारा 144 चार से अधिक लोगों के किसी विशिष्ट मकसद से एकसाथ जुटने को प्रतिबंधित करती है. यह एक संज्ञेय अपराध है जो पुलिस के अधिकार क्षेत्र में आती है. पुलिस निरीक्षक हरपाल राठौड सरकार की ओर से शिकायतकर्ता बने हैं.

उन्होंने कहा, अन्य शिकायत टीवी चैनलों के खिलाफ 126 :1::बी: के तहत मोदी का संवाददाता सम्मेलन प्रसारित करने के लिए दर्ज की गयी है. यह प्राथमिकी नहीं है. यह असंज्ञेय अपराध है. हम अदालत की शरण लेंगे और असंज्ञेय शिकायत के बारे में उसके आदेशों का पालन करेंगे क्योंकि पुलिस असंज्ञेय शिकायतों की जांच (अपने आप) नहीं कर सकती. अपनी पहचान उजागर नहीं करने की शर्त पर अधिकारी ने बताया कि धारा 144 के तहत लगाया गया आरोप कानूनी समीक्षा में टिक नहीं पायेगा.

उन्होंने कहा, मोदी के खिलाफ सीआरपीसी की धारा 144 के तहत आरोप मुकदमे में टिक नहीं पायेगा क्योंकि कोई भी यह साबित नहीं कर सकता कि सभी मीडियाकर्मियों एवं आम जनता को मोदी ने स्वयं उस स्थल पर आमंत्रित किया था या बुलाया था. मोदी ने कभी एसएमएस नहीं भेजा या उन्हें बुलाया नहीं. अधिकारी ने कहा कि भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार को पूछताछ के लिए बुलाने की जरुरत नहीं पड़ने की संभावना है.

उन्होंने कहा, हमारी जांच की दिशा में वहां मौजूद लोगों से पूछताछ करना और वीडियो फुटेज हासिल करना शामिल है. बहरहाल, आरोपियों से पूछताछ करना हमेशा आवश्यक नहीं होता. हम मोदी को पूछताछ के लिए बुला या नहीं भी बुला सकते हैं. एक अधिकारी ने बताया कि जनप्रतिनिधित्व कानून के तहत धारा 126 :1::ए: का उल्लंघन करने पर दो साल की जेल और अथवा जुर्माना हो सकता है.

मोदी ने कल उस वक्त विवाद को जन्म दे दिया जब उन्होंने गांधीनगर संसदीय क्षेत्र के रानिप इलाके में अपना वोट डालने के तुरंत बाद मतदान केंद्र के बाहर मीडिया को संबोधित किया. मीडिया से बातचीत करने के पूरे समय मोदी अपनी पार्टी का कमल निशान हाथ में लिये रहे. गौरतलब है कि गांधीनगर संसदीय क्षेत्र से भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी भाजपा प्रत्याशी हैं.

मोदी के इस कदम से नाराज कांग्रेस ने फौरन चुनाव आयोग से शिकायत की और गुजरात मुख्यमंत्री को अयोग्य घोषित करने सहित उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की. चुनाव आयोग द्वारा कल दिये गये आदेश में कहा गया, ह्यह्यआयोग का मानना है कि जिस दिन पूरे गुजरात और देश के अलग-अलग हिस्सों में मतदान जारी है, उस दिन सभा कर और सभा को संबोधित कर नरेंद्र मोदी ने जनप्रतिनिधित्व कानून, 1951 की धारा 126 :1: :ए: और 126 :1: :बी: का उल्लंघन किया है.

आदेश में कहा गया, लिहाजा, आयोग निर्देश देता है…..नरेंद्र मोदी तथा उक्त सभा को आयोजित करने में शामिल रहे सभी लोगों के खिलाफ शिकायत या प्राथमिकी, जैसा भी मामला हो, दर्ज की जानी चाहिए. चुनाव आयोग ने गुजरात के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक :डीजीपी: को कल शाम 6 बजे तक निपटारा रिपोर्ट भेजने का आदेश दिया है.

चुनाव आयोग के आदेश में कहा गया, आयोग का मानना है कि जिस दिन पूरे गुजरात और देश के अलग-अलग हिस्सों में मतदान जारी है, उस दिन सभा कर और सभा को संबोधित कर नरेंद्र मोदी ने जनप्रतिनिधित्व कानून, 1951 की धारा 126 :1: :ए: और 126 :1: :बी: का उल्लंघन किया है. आदेश में कहा गया, लिहाजा, आयोग निर्देश देता है…..नरेंद्र मोदी तथा उक्त सभा को आयोजित करने में शामिल रहे सभी लोगों के खिलाफ शिकायत या प्राथमिकी, जैसा भी मामला हो, दर्ज की जानी चाहिए.

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