रांची : सुप्रीम कोर्ट के जजों के विवाद से न्यायपालिका की छवि को हुए नुकसान के डैमेज कंट्रोल में जुट गया है बार काउंसिल. बार काउंसिल ने राजनीतिक दलों को सुप्रीम कोर्ट के जजों के इस विवाद से दूर रहने के लिए कहा है. साथ ही इस बात पर अफसोस जताया है कि जजों के प्रेस कॉन्फ्रेंस करने की वजह से राजनीतिक दलों को न्यायपालिका पर टिप्पणी करने का मौका मिल गया है. बार काउंसिल ने सभी दलों से कहा है कि वे इस मुद्दे से दूर रहें. यह न्यायपालिका का मामला है और इससे जुड़े लोग इस मुद्दे का हल कर लेंगे. न्यायिक विवाद में राजनीति करनेकेलिए बार काउंसिल ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी कीआलोचना की है.
बार काउंसिल के अध्यक्ष मनन कुमार मिश्रा ने कहा, ‘हमने राहुल गांधी और राजनीतिक दलों को हमारी न्याय व्यवस्था पर विवाद करने का एक मौका दे दिया है. हमने मौका दे दिया कि वे न्यायालय पर बोल सकें, यह दुर्भाग्यपूर्ण है.’ मनन कुमार मिश्रा ने कहा, ‘हम चाहते हैं कि सही तरीके इस मामले को जल्दी से खत्म किया जाये. राजनेताओं से इस विवाद से दूर रहना चाहिए. हम अपील करते हैं कि वे इस मामले को राजनीतिक मुद्दा न बनायें.’
इस बीच, खबर है कि भारत के चीफ जस्टिस के साथ 4 जजों के मतभेद सुलझाने की कोशिश कर रहे बार काउंसिल की सात सदस्यीय टीम चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा सेरविवार शाम 7.30 बजे मिलेगी. शुक्रवार को हुई चार जजों की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद बार काउंसिल ने इस मामले में जजों से मिलने का फैसला किया है. टीम में जस्टिस दीपक मिश्रा के अलावा अन्य जजों से मिलकर उनकी राय जानेगी, ताकि मतभेदों को जल्दी सुलझाया जा सके.
बार काउंसिल के सूत्रों ने कहा कि जजों को फुल कोर्ट मीटिंग बुलानी चाहिए. अगर मुख्य न्यायाधीश उनकी चिंताओं को दूर करने में सक्षम नहीं हैं, तोजजों को राष्ट्रपति से संपर्क करना चाहिए.