मोदी ने किया ट्वीट, मीडिया की आजादी जरूरी
अहमदाबाद : दूरदर्शन पर अपने साक्षात्कार पर उठे विवाद के बीच भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी ने आज सार्वजनिक प्रसारक में पत्रकारिता संबंधी स्वतंत्रता में ‘कमी’ आने का जिक्र किया और इसे 1975 में आपातकाल की भयावह स्मृतियों से जोडा. मोदी ने अपने साक्षात्कार में काटछांट पर उठे वाकयुद्ध में शामिल होते […]
अहमदाबाद : दूरदर्शन पर अपने साक्षात्कार पर उठे विवाद के बीच भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी ने आज सार्वजनिक प्रसारक में पत्रकारिता संबंधी स्वतंत्रता में ‘कमी’ आने का जिक्र किया और इसे 1975 में आपातकाल की भयावह स्मृतियों से जोडा.
मोदी ने अपने साक्षात्कार में काटछांट पर उठे वाकयुद्ध में शामिल होते हुए यह बात कही. पिछले रविवार को दूरदर्शन पर प्रसारित उनके साक्षात्कार के कुछ अंशों को हटा दिया गया था और इसके देर से प्रसारित करने पर भी विवाद खडा हो गया. आज विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस पर पत्रकारों को शुभकामना देते हुए मोदी ने ट्विटर पर लिखा, ‘‘ इस दिन मैं यह देख कर दुखी हूं कि हमारा राष्ट्रीय टीवी चैनल अपनी पेशेवर स्वतंत्रता बनाये रखने के लिए संघर्ष कर रहा है.’’
इस अवसर पर मोदी लोगों को यह याद दिलाना नहीं भूले कि 1975 में दिवंगत प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा आपातकाल लगाया गया था और तब मीडिया पर प्रतिबंध लगाये गए थे. मोदी ने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘‘ पत्रकार बंधुओं को विश्व प्रेस दिवस पर शुभकामनाएं. स्वतंत्र प्रेस लोकतंत्र का मील का पत्थर है और इसे सही अर्थो में बनाये रखा जाना चाहिए.’’
इससे पहलेदूरदर्शन को दिये नरेन्द्र मोदी के इंटरव्यू को लेकर उठे विवाद के परिप्रेक्ष्य में प्रसार भारती ने विवाद से खुद को अलग करते हुए कहा कि सब कुछ डीडी न्यूज की संपादकीय टीम पर छोड दिया गया था कि वे आगे बढें और प्रसारण करें.
दूरदर्शन प्रसार भारती के ही तहत आता है. प्रसार भारती ने स्वीकार किया कि हस्तियों पर कुछ टिप्पणियां स्पष्ट तौर पर संपादित की गयीं. ऐसी चिन्ताएं थीं कि डीडी न्यूज के सर्वश्रेष्ठ प्रयास के बावजूद दूसरे पक्ष से संतुलित इंटरव्यू नहीं हासिल किया जा सकता, ‘फ्री हैण्ड’ दिया गया था. दिलचस्प बात ये है कि प्रसार भारती के मुख्य कार्याधिकारी जवाहर सरकार ने प्रसार भारती बोर्ड के सदस्यों को लिखकर इंटरव्यू से जुडे हालात के बारे में सूचित किया.
मोदी के इंटरव्यू के प्रसारण में विलंब और प्रियंका गांधी तथा कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के निकट सहयोगी अहमद पटेल के साथ तथाकथित दोस्ती से जुडे अंश संपादित किये जाने को लेकर उठे विवाद के बाद यह पत्र आया है.
सरकार ने कहा कि यदि दूरदर्शन और आकाशवाणी के महानिदेशकों की नियुक्ति के संबंध में नियम बदलने और बाहरी पेशेवरों को लाने की प्रसार भारती की पहल सफल होती तो इस एक इंटरव्यू से लोगों की इस तरह की आलोचनाएं न ङोलनी पडतीं.इंटरव्यू रोकने के बारे में सरकार ने कहा कि डीडी न्यूज ने 27 अप्रैल की दोपहर उन्हें बताया कि टीम काम कर रही है और इसका प्रसारण जल्द होगा.