नयी दिल्ली: विश्व हिंदू परिषद के अध्यक्ष प्रवीण तोगड़िया ने आज एक प्रेसकान्फ्रेंस में अपनी जान का खतरा बताया है. प्रेस कॉन्फेंस में तोगड़िया भावुक हो गये और रोने लगे.उन्होंने हाथभी जोड़े. गरम तेवर वाले जिस तोगड़िया को आपने टीवी पर देखा होगा है यह उनकी छवि के उलट है. कई मुद्दों पर बेबाक राय रखने वाले तोगड़िया आज अपनी छवि से अलग नजर आये. तोगड़िया के कई ऐसे बयान आप ऊंगलियों पर गिन सकते हैं. जहां उन्होंने कभी चेतावनी दी, तो कभी मजबूती से अपनी बात रखने के लिए शब्दों की सीमाओं को तोड़ दिया.
सबसे ताजा मामला है फिल्म पद्मावतजिसेपहले पद्मावती नाम दिया गया था. इस फिल्म को लेकर उन्होंने केंद्र सरकार पर फिल्म के प्रतिबंध को लेकर दबाव बनाते हुआ कहा, अगर फिल्म पर प्रतिबंध नहीं लगा तो उसे इतिहास याद रखेगा. नरेंद्र मोदी सरकार अगर इस मामले पर अविलंब हस्तक्षेप नहीं करती है, तो विश्व हिंदू परिषद के लोग देश भर के सारे सिनेमा हॉल को जला देंगे. उनके बयान ने कई बार देश में नयी राजनीतिक बहस छेड़ दी कई विवाद खड़े कर दिये
प्रवीण तोगड़िया को 1979 में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के स्वयंसेवकों का मुख्य मार्गदर्शक केवल 22 वर्ष की उम्र में चुना गया. तोगड़िया ने इससे पहले भी अपने कथित बयान में हिंदू बहुल इलाक़ों से मुसलमानों को बलपूर्वक निकालने की बात कही थी. ‘मुसलिमों द्वारा यह गांवों और पूरे भारत भर में किया जा रहा है. उनकी रणनीति अच्छी कीमत पर एक घर खरीदने की और फिर काफी कम कीमतों पर हिंदुओं की संपत्ति खरीदने की होती है. इसे रोकने के दो तरीके हैं, या तो सरकार अशांत क्षेत्र कानून लागू करे. आप सरकार पर अशांत क्षेत्र कानून लागू करने का दबाव बनाइए जैसा अहमदाबाद जैसे शहरों में है या फिर उन घरों पर कब्जा करके बजरंग दल का पोस्टर चिपका दीजिए. ’
प्रवीण तोगड़िया ने कथित तौर पर यह भी कहा,‘हिंदुओं की रक्षा के लिए, किसी पर दबाव बनाना सही है. मैं ऐसा पहले कर चुका हूं. बजरंग दल के पोस्टर का इस्तेमाल कर लंबे समय तक एक घर अपने कब्जे में रखा था.’ तोगड़िया के इस बयान पर काफी हंगामा हुआ था.
भाजपा सहित कई राजनीतिक पार्टियों ने इसका कड़ा विरोध किया था. हालांकि तोगड़िया ने मीडिया पर इस पूरे बयान को तोड़-मड़ोर कर पेश करना का आरोप लगाया था. तोगड़िया ने अमरनाथ यात्रियों पर हमला करने वालों को खुली चेतावनी देते हुए कहा कि वे हिंदुओं के धैर्य की परीक्षा न लें. मध्य प्रदेश के इंदौर में तोगड़िया ने अल्पसंख्यकों से चेतावनी भरे लहजे में कहा, ‘वे गुजरात को भले ही भूल गए हों, लेकिन मुजफ्फरनगर को नहीं भूले होंगे. हिंदू नेता ने कहा कि हिंदुओं की सहनशीलता की परीक्षा न लें. हिंदू भी ईंट और पत्थर उठा सकता है.’
घर वापसी पर तोगड़िया ने कहा था: भारत में हिंदुओं पर यातना नहीं होती और ना ही ताकत का प्रयोग किया जाता है. अगर कोई हिंदू समाज में लौटना चाहता है तो उसका खुले दिल से स्वागत करना चाहिए. वीएचपी की स्थापना के 50 साल पूरे होने तोगड़िया ने कहा था, भारतीय मुसलमानों के वंशज हिंदू थे. ईसाइयों के वंशज भी हिंदू थे. तोगड़िया के ऐसे कई बयान हैं जो विवादों में रहे हैं.