Supreme Court : कल गठित पांच जजों की संविधान पीठ आज करेगी आधार की वैधता पर सुनवाई
नयी दिल्ली : आज सुप्रीम कोर्ट में आधार की वैधता और अन्य सेवाओं से उसे लिंक करने की अनिवार्यता को लेकर सुनवाई शुरू होगी. कल चीफ जस्टिस ने अपने नेतृत्व में एक पांच जजों की संविधान पीठ गठित की है, जो इस केस की सुनवाई करेगी. साथ ही अन्य बड़े मामलों की सुनवाई भी यह […]
नयी दिल्ली : आज सुप्रीम कोर्ट में आधार की वैधता और अन्य सेवाओं से उसे लिंक करने की अनिवार्यता को लेकर सुनवाई शुरू होगी. कल चीफ जस्टिस ने अपने नेतृत्व में एक पांच जजों की संविधान पीठ गठित की है, जो इस केस की सुनवाई करेगी. साथ ही अन्य बड़े मामलों की सुनवाई भी यह पीठ आज से शुरू करेगी.
#Expecttoday: Supreme Court to begin hearing petitions challenging validity of #Aadhaar and its mandatory linkage with several services
— ANI (@ANI) January 17, 2018
गौरतलब है कि कल ही यह खबर आ गयी थी कि नयी पीठ आज से महत्वपूर्ण मामलों की सुनवाई शुरू करेगी. इन मामलों में आधार कानून की संवैधानिक वैधता और वयस्क समलैंगिकों के बीच सहमति से संबंधों को अपराध घोषित करने के उच्चतम न्यायालय के वर्ष 2013 के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाएं शामिल हैं. केरल के सबरीमाला मंदिर में 10 से 50 वर्ष की आयु की महिलाओं के प्रवेश पर पाबंदी के विवादास्पद मामले की सुनवाई भी पीठ ही करेगा. संविधान पीठ आपराधिक मामले का सामना कर रहे किसी जनप्रतिनिधि को अयोग्य ठहराए जाने से संबंधित याचिका सहित अन्य याचिकाओं पर भी विचार करेगी.
शुक्रवार से शुरू हुआ सुप्रीम कोर्ट का संकट अभी तक सुलझ नहीं पाया है. कल शाम चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा पर आरोप लगाने वाले सुप्रीम कोर्ट के चारों वरिष्ठ जजों ने आपस में बैठक की थी. उनके बीच बैठक ऐसे समय हुई जब कुछ घंटे पहले सीजेआई ने शीर्ष अदालत में दिन की कार्यवाही शुरू होने से पहले अदालत के लान्ज में उनसे संवाद स्थापित किया और चाय पर उनसे बातचीत की. कहा गया है कि न्यायमूर्ति जे चेलमेश्वर, न्यायमूर्ति रंजन गोगाई, न्यायमूर्ति मदन बी लोकुर और न्यायमूर्ति कुरियन जोसेफ ने आपस में बैठक की लेकिन फिलहाल यह नहीं पता कि उनके बीच क्या बातचीत हुई. शाम को बैठक इनमें से किसी एक न्यायाधीश के आवास पर हुई. हालांकि बातचीत के निष्कर्ष के बारे में जानकारी नहीं मिली. सूत्रों ने कहा कि न्यायाधीशों के आज सुबह सीजेआई से मिलने की संभावना है और उनके बीच संभवत: कुछ और बातचीत होनी है क्योंकि शीर्ष अदालत के कामकाज को फिर से सामान्य बनाने के लिए प्रयास जारी हैं.