जिनपिंग और आबे के बाद नेतन्याहू : तो क्या इसलिए हर ”मेहमान” को अहमदाबाद ले जाते हैं पीएम मोदी ?

नयी दिल्ली : इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ गुजरात दौरे पर हैं. दोनों देश के नेताओं ने इस दौरान एयरपोर्ट से साबरमती आश्रम तक रोड शो किया. यह रोड शो करीब 8 किमी का था. वैसे बेंजामिन नेतन्याहू ऐसे पहले राष्ट्राध्यक्ष नहीं हैं, जिनकी अहमदाबाद में मेजबानी की […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 17, 2018 12:38 PM

नयी दिल्ली : इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ गुजरात दौरे पर हैं. दोनों देश के नेताओं ने इस दौरान एयरपोर्ट से साबरमती आश्रम तक रोड शो किया. यह रोड शो करीब 8 किमी का था. वैसे बेंजामिन नेतन्याहू ऐसे पहले राष्ट्राध्यक्ष नहीं हैं, जिनकी अहमदाबाद में मेजबानी की जा रही हो. इसके पहले पीएम मोदी अहमदाबाद में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और जापान के पीएम शिंजो आबे की मेजबानी करते नजर आ चुके हैं.

क्या कहते हैं जानकार

राजनीतिक जानकारों की मानें तो 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी के लिए अहमदाबाद बहुत खास रहा है. अहमदाबाद को दिल्ली के बाद देश की बेहद अहम शहर के रूप में प्रोजेक्ट किया जा रहा है. यह पीएम मोदी की एक रणनीति है. वह दुनिया के नेताओं को उन विकास परियोजनाओं से रू-ब-रू करवाना चाहते हैं, जिनकी शुरुआत उन्होंने अहमदाबाद में मुख्‍यमंत्री रहते हुए की थीं.


शी जिनपिंग की भारत यात्रा

सितंबर 2014 की बात करें तो इस वक्त चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग भारत के दौरे पर थे. तब साबरमती रिवरफ्रंट में झूले पर बैठे पीएम मोदी और जिनपिंग की तस्वीरों ने दुनियाभर के अखबारों में जगह बनायी थी. देश-दुनिया के न्यूज चैनलों ने इसे कवर किया था. शी जिनपिंग के दौरे के वक्त नयी दिल्ली में दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय मुद्दों पर वार्ता की. लेकिन, तब भी टेलीविजन चैनलों पर साबरमती रिवरफ्रंट की तस्वीरें ही नजर आ रहीं थीं.

जापान के पीएम का भारत दौरा

सितंबर 2017 में जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे भारत दौरे पर पहुंचे थे. तब भी अहमदाबाद में ही मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट की आधारशिला रखने का कार्यक्रम रखा गया. मुंबई को देश की आर्थिक राजधानी माना जाता है, लेकिन पीएम मोदी के राज्य को आर्थिक राजधानी मुंबई से ज्यादा तवज्जो दी गयी. यही नहीं, सिद्धि सैयद मस्जिद जाने के लिए आबे के काफिले को साबरमती रिवरफ्रंट से होकर ले जाया गया, ताकि उन्हें इस प्रोजेक्ट की एक झलक दिखायी जा सके.

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