Aadhaar case : नागरिकों के अधिकारों की मौत का कारण हो सकता है आधार
नयी दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट में जारी संकट के बीच नवगठित पांच जजों की संविधान पीठ ने आधार की वैधता पर सुनवाई शुरू की. याचिकाकर्ताओं की तरफ से बहस करते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता श्याम दीवान ने कहा आधार नागरिकों के नागरिक अधिकारों की मौत का कारण हो सकता है. वहीं सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस […]
नयी दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट में जारी संकट के बीच नवगठित पांच जजों की संविधान पीठ ने आधार की वैधता पर सुनवाई शुरू की. याचिकाकर्ताओं की तरफ से बहस करते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता श्याम दीवान ने कहा आधार नागरिकों के नागरिक अधिकारों की मौत का कारण हो सकता है.
#Aadhaar case: Senior Supreme Court lawyer, Shyam Divan, appearing for petitioners, told the five-judge Constitution bench that '#Aadhaar may cause death of citizens' civil rights. A people's Constitution is being sought to be converted into a State's Constitution.'
— ANI (@ANI) January 17, 2018
वहीं सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने सीनियर एडवोकेट श्याम दीवान से पूछा कि क्या कि आधार बिल को स्टैंडिंग कमेटी के पास भेजा गया था? इसपर एडवोकेट ने कोर्ट को बताया कि नहीं इसे स्टैंडिंग कमेटी के पास नहीं भेजा गया था.
वहीं जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने पूछा कि क्या आधार का उपयोग सिर्फ वेरीफिकेशन के लिए किया जाता है या फिर इसके जरिये ट्रैकिंग भी किया जाता है? कोर्ट ने यह भी कहा कि आधार सुरक्षित है अगर बायोमैट्रिक्स का इस्तेमाल सिर्फ उसी उद्देश्य से किया जाये, जिसके लिए इसे संग्रहित किया जाता है. लेकिन सवाल यह है कि आखिर क्यों राज्य यह कह रहे हैं कि समाज कल्याण के कार्यक्रमों में जो लीकेज है उसे रोकने के लिए बायोमैट्रिक्स की जरूरत है?
सुनवाई के दौरान जस्टिस एके सीकरी और जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने यह जानना चाहा कि आधार बायोमिट्रिक्स सिस्टम कैसे अमेरिका के वीजा बायोमिट्रिक्स से अलग है? इस मामले में सुनवाई अभी जारी है.
सूत्रों के हवाले से आज ऐसी खबरें आयीं थी कि सुप्रीम कोर्ट का संकट आज समाप्त हो जायेगा. इसी बीच आज कई अन्य महत्वपूर्ण मामलों की सुनवाई भी नवगठित पीठ को करनी थी, जिसमें धारा 377 जिसमें समलैंगिक संबंधों को अपराध बताया गया है सहित सात अन्य मामले भी शामिल थे. लेकिन जस्टिस चेलमेश्वर ने आज छुट्टी ले ली और उन्होंने उस लंच में भी हिस्सा नहीं लिया, जिसमें विवाद सुलझने की उम्मीद थी.